Faridabad Assembly

Palwal Assembly

Faridabad Info

मत्स्य पालन व्यवसाय किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है: DC जितेन्द्र यादव

Fishing-business-is-proving-to-be-a-boon-for-farmers-DC-Jitendra-Yadav
हमें ख़बरें Email: psrajput75@gmail. WhatsApp: 9810788060 पर भेजें (Pushpendra Singh Rajput)
Fishing-business-is-proving-to-be-a-boon-for-farmers-DC-Jitendra-Yadav

हरियाणा: फरीदाबाद, डीसी जितेन्द्र यादव ने कहा कि जिला में मछली पालन का व्यवसाय काफी तेजी से बढ़ रहा है। किसान अब खेती के साथ-साथ इस व्यवसाय को भी अपना रहे हैं और यह व्यवसाय किसानों की आमदनी को दोगुना करने में कारगर साबित हो रहा है। सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में मछली पालन विभाग द्वारा मछली पालन के क्षेत्र में भी नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं और नई-नई तकनीक के जरिए मछली पालन किया जा रहा है, जिसका फायदा किसानों को मिल रहा है। मछली पालन की टैंक विधि काफी लोकप्रिय हो रही है। इसमें टैंक में मछली पालन किया जाता है और कम जगह में किसानों को अधिक उत्पादन प्राप्त होता है।

डीसी जितेन्द्र यादव ने आगे बताया कि सरकार द्वारा भी किसानों की मछली पालन को बढ़ावा देने में सरकार भी भरपूर मदद की जा रही है। मछली पालकों को मछली पालन विभाग के जरिए तमाम सुविधाएं दी जा रही हैं। आज बहुत से किसान मछली पालन व्यवसाय को अपनाकर अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं। जिला में ऐसे किसान भी हैं जो पारंपरिक खेती के साथ-साथ मछली पालन से लाभान्वित हो रहे हैं। नीली क्रांति का परिचय मत्स्य पालन व्यवसाय जिला के मत्स्य किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है। जिससे किसान आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रहे हैं। मत्स्य पालन विभाग जिला में मछली पालन व्यवसाय से जुड़े मत्स्य किसानों को आजीविका के बेहतर अवसर प्रदान कर उनके आर्थिक विकास के लिए प्रयासरत है।

जिला मत्स्य अधिकारी रीटा ने बताया कि मत्स्य पालन व्यवसाय जिला फरीदाबाद के मत्स्य पालक किसानों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा। जिला में अनेक मत्स्य पालक किसान इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। विभाग द्वारा मत्स्य योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से मछली पालकों के जीवन स्तर में बदलाव आया है। सरकार द्वारा जिला फरीदाबाद में मत्स्य पालकों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनका उन्हें पूरा लाभ मिल रहा है। उन्होंने आगे  बताया कि मत्स्य विभाग की ओर से मत्स्य पालकों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित किया जा रहा है। जिसके लिए किसान जिला मत्स्य अधिकारी कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि मछली पालन में लागत कम है और मुनाफा अधिक है।

मछली लोगों के लिए प्रोटीन का एक बहुत बड़ा स्रोत है। लोग अपने दैनिक भोजन में प्रोटीन की आपूर्ति के लिए मछली का सेवन करते हैं। प्राकृतिक जल स्रोतों जिनमें नदी, तालाब और समुद्र से मिलने वाली मछलियों की संख्या मांग के अनुसार काफी कम है। इस समस्या का सबसे अच्छा विकल्प मछली पालन है। जिला में संभावनाओं को देखते हुए मछली पालन की तरफ किसानों का रुझान बढ़ने लगा है। आज जिला के किसान मछली पालन का कार्य करके काफी हद तक लाभान्वित हो रहे हैं।

जिला मत्स्य अधिकारी रीटा ने बताया कि मछली पालक किसानों को सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार आजादी के अमृत महोत्सव की श्रंखला में मत्स्य विभाग द्वारा 40 से 60 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है।

सरकार द्वारा जिला मत्स्य पालन विभाग के माध्यम से मछली पालकों को मछली पालन का प्रशिक्षण देने के साथ-साथ 10 दिनों के प्रशिक्षण पर 11 सौ रुपए प्रशिक्षण भत्ता भी प्रदान किया जाता है। इसके अलावा मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए मत्स्य कृषकों को नोटिफाइड वाटर पर 25 प्रतिशत अनुदान भी दिया जाता है। मत्स्य किसानों को 20 हजार रुपए का जाल खरीदने पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। मत्स्य पालन के लिए विभाग द्वारा रियरिंग पोंड के लिए अनुमानित लागत सात लाख रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान प्रदान किया जाता है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 60 प्रतिशत सभी वर्गों की महिलाओं व अनुसूचित जाति को तथा सामान्य व ओबीसी को 40 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाता है। मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना के तहत प्रार्थी निजी भूमि में या पट्टे पर भूमि लेकर मछली फीड हैचरी, बायोफ्लॉक, आरएएस, फीड मिल, कोल्ड स्टोर आदि लगाने पर विभाग से वित्तीय एवं तकनीकी सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

जिला मत्स्य अधिकारी ने बताया विभाग द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना तथा अन्य विभागीय योजनाओं के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है और समय-समय पर विभाग द्वारा प्रशिक्षण भी दिया जाता है। उन्होंने बताया कि सामान्य व ओबीसी प्रार्थियों के लिए एआरटीआई हिसार में ट्रेनिंग उपलब्ध है। जहां 10 दिनों की ट्रेनिंग पर 11 सौ रुपए प्रशिक्षण भत्ता भी दिया जाता है।

फेसबुक, WhatsApp, ट्विटर पर शेयर करें

Faridabad

Faridabad News

Gurugram News

haryana

Haryana News

Haryana-news

india

India News

news

Post A Comment:

0 comments: