कृषि विभाग के अधिकारी ग्रामीणों के बीच पहुंचकर उन्हें पराली ने जलाने की अपेक्षा उसका प्रबंधन करने के लिए निरंतर जागरूक कर रहे हैं। कृषि अधिकारी कृषकों को जागरूक करते हुए बता रहे हैं कि जो किसान फसल अवशेष जलाते पाए गए उन पर 5 हजार से 30 हजार रुपए तक का जुर्माना और एफ.आई.आर. दर्ज होगी। साथ ही मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर रेड एंट्री भी दर्ज की जाएगी, जिससे किसान 2 सीजन तक अपनी फसल एम.एस.पी. पर नहीं बेच पाएगा। उन्होंने बताया कि फसल अवशेष का प्रबंधन करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 1200 रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग पलवल के उपनिदेशक डा. बाबूलाल ने फसल अवशेष प्रबंधन के लाभ बताए। उन्होंने कहा कि इससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है, पोषक तत्वों का भंडार मजबूत होता है, जल धारण क्षमता बेहतर होती है, जैव विविधता बढ़ती है और पर्यावरण संतुलित रहता है। जागरूकता अभियान में संबंधित खंड के कृषि विभाग के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
उन्होंने किसानों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे पर्यावरण की सुरक्षा व खेतों की उर्वरता के लिए फसल अवशेष प्रबंधन को अपनाएं। इसी मुहीम के तहत गांवों में किसानों के साथ-साथ विद्यालय स्तर पर रैली के माध्यम से बच्चों को पर्यावरण प्रदूषण के बारे में जागरूक करते हुए शपथ दिलाई जा रही है, ताकि वह अपने परिवारजनों को इस संबंध में जागरूक कर सकें।
इसी क्रम में संबंधित खंड के कृषि अधिकारी, कृषि विकास अधिकारी, खंड तकनीकी प्रबंधक, सहायक तकनीकी प्रबंधक, कृषि पर्यवेक्षकों के साथ मिलकर खेतों में बेलर व सुपर सीडर की उपयोगिता के विषय में जानकारी दे रहे हैं, ताकि किसान आगजनी न कर अपनी फसलों का इन-सीटू अथवा एक्स-सीटू के माध्यम से प्रबंधन करे।
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