यह योजना महिला पीड़िताओं और उनके आश्रितों के लिए कारगर है। इस योजना के भाग 1 का उद्देश्य पीड़ित और उसके आश्रितों को मुआवजा प्रदान करना है, जिन्हें किसी अपराध के कारण क्षति हुई है और जिन्हें पुनर्वास की आवश्यकता है।
भाग 2 महिला पीड़िताओं और उनके आश्रितों के लिए है, जो महिला विरुद्ध अपराधों का शिकार हुई हैं। इस योजना के अंतर्गत जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण ऐसे पीड़ितों या उनके आश्रितों को निर्धारित मुआवजे की राशि प्रदान करता है। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया योजना में ही दी गई है और इसमें दी गई शर्तों में प्रमुखत: शामिल है कि इसके लिए न्यायालय द्वारा मुआवजे की सिफारिश करनी होगी और परिवार की सालाना आय 4 लाख 50 हजार रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए।
इसके अतिरिक्त अन्य शर्तों की जानकारी जिला न्यायालय परिसर पलवल में भूतल पर स्थित एडीआर सेंटर में जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण पलवल के कार्यालय से अथवा हेल्पलाइन नंबर-01275-298003 से प्राप्त की जा सकती है।
सीजेएम मेनका सिंह ने यह भी बताया कि जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण को यह अधिकार है कि वह आरोप गलत सिद्ध होने की स्थिति में मुआवजे की राशि को प्राप्तकर्ता से वसूल कर सकता है। हरियाणा विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा सक्रिय यह योजना अपराध पीड़ितों के लिए एक कारगर मदद है।
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