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श्री सिद्धदाता आश्रम में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ हुई गौवर्धन पूजा

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 फरीदाबाद। भगवान की लीलाएं हम मनुष्यों को कर्म कत्र्तव्य सिखाने का काम करती हैं। हमें उनका अनुसरण आज के परिप्रेक्ष्य में करना चाहिए। यह बात जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने कही। वह श्री सिद्धदाता आश्रम परिसर में श्री गौवर्धन पूजन कर रहे थे।

स्वामीजी ने कहा कि श्री गौवर्धन पूजन के समय केवल इंद्र के अहंकार के बारे में चर्चा होती है कि भगवान ने देवराज का अहंकार चूर करने के लिए पर्वत को उठा लिया। जिससे इंद्र का मान मर्दन हो गया। लेकिन इससे बड़ा कारण आम जनजीवन के धन बल और जनबल की रक्षा का कहना चाहिए। हमें भगवान के इस करुणामयी स्वरूप से सीखना चाहिए कि यथासंभव हम अन्य की सहायता करने के लिए तत्पर रहें। आज के समय में भी हमें अपने अंदर दया, सेवा और प्रेम के गुणों को साकार रूप में रखना चाहिए। तभी भगवान के पूजन का अर्थ सही मायने में फलीभूत हो सकेगा।

इस अवसर पर जगदगुरु स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने गौ गोबर से निर्मित भगवान गौवर्धन का सविधि पूजन किया और लोककल्याण के लिए प्रार्थना की। यहां कोरोना काल को देखते हुए फिजिकल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा गया।

इससे पहले सुबह श्री विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर कलपुर्जों और औजारों का पूजन किया गया। इस अवसर पर श्री गुरु महाराज ने कहा कि भगवान श्री विश्वकर्मा जी सृष्टि के प्रथम आर्किटेक्ट हैं जिन्होंने ब्रह्माजी के अनुसार सृष्टि की रचना की। उन्होंने कहा कि संसार का हर रचनात्मक कार्य करने वाला व्यक्ति भगवान श्री विश्वकर्मा जी का अनुसरण करता है। इस अवसर पर आश्रम में तकनीकी कार्यों से जुड़े व्यक्ति भी उपस्थित रहे।

गौरतलब है कि अनंतश्री विभूषित इंद्रप्रस्थ एवं हरियाणा पीठाधीश्वर की पदवी से अलंकृत स्वामीजी के सान्निध्य में श्री सिद्धदाता आश्रम देश विदेश से आने वाले भक्तों की आस्था का केंद्र बन रहा है। कोरोना काल में आश्रम की समस्त गतिविधियों को देश विदेश में सोशल मीडिया माध्यमों से प्रसारित किया जा रहा है। जिससे लाखों लोग लाभांवित हो रहे हैं।

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