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कृषि वैज्ञानिकों ने होडल के गांवों में कपास व अन्य फसलों के विभिन्न क्षेत्रों का किया सर्वेक्षण

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पलवल, 26 जून। भारत सरकार के कृषि  एवं किसान कल्याण मंत्रालय के क्षेत्रीय एकीकृत नाशी जीव प्रबंधन केंद्र फरीदाबाद एवं जिला कृषि विभाग पलवल के अधिकारियों ने गुरुवार को कपास सहित अन्य फसलों का सर्वेक्षण किया। क्षेत्रीय एकीकृत नाशी जीव प्रबंधन केंद्र फरीदाबाद के  क्षेत्रीय हेड एवं उप निदेशक डा. वंदना पांडेय के निर्देशन में जिला पलवल कृषि विभाग के खंड कृषि अधिकारी सुभाष चंद्र ने खंड होडल के गांव पेंगलतू, सौंध, औरंगाबाद व निकटवर्ती गांवों में कपास एवं अन्य फसलों के विभिन्न क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया और किसानों को कपास व अन्य फसलों में लगने वाले कीट एवं व्याधि से निपटने के यांत्रिक एवं बायो पेस्टीसाइड उपायों की जानकारी प्रदान दी। 

उन्होंने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि फसल के शुरुआती दौर में एक खेत में कीटों की निगरानी/रोकथाम के लिए 4 फेरोमन ट्रैप और कपास का ल्यूर/अन्य फसल का ल्यूर का इस्तेमाल करें। सर्वेक्षण के दौरान किसानों को एनपीएसएस मोबाइल एप राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली, मोबाइल ऐप के उपयोग के बारे में जानकारी भी दी गई, जिससे कि किसान को इस ऐप के माध्यम से अपनी फसल में लगने वाले कीट एवं व्याधि की जानकारी और सलाह तत्काल प्रभाव से प्राप्त हो और अनावश्यक केमिकल पेस्टिसाइड का इस्तेमाल को रोका जा सके।

उप कृषि निदेशक डा. अनिल सहरावत ने किसानों से आह्वान किया कि वे कृषि वैज्ञानिकों की सलाह अनुसार अपने कपास के खेत के पास पुरानी फसल के अवशेषों को पॉलीथीन से ढक दें या दबा दें। इस सर्वेक्षण के दौरान टीम में भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के आरसीआईपीएमसी फरीदाबाद से वनस्पति संरक्षण अधिकारी डा. जमुना नेगी,  सहायक वनस्पति संरक्षण अधिकारी लक्ष्मीकांत, वैज्ञानिक सहायक रूबी, कृषि विभाग से धीरेंद्र सहित अन्य गणमान्य किसान उपस्थित रहे। 

साथ ही खंड कृषि अधिकारी होडल ने कृषि वैज्ञानिकों से अनुरोध किया कि इस तरह के जागरूकता कार्यक्रमों का समय-समय पर आयोजन करके किसानों को फसल संबंधी समस्याओं के समाधान होते रहने चाहिए, जिससे किसानों को होने वाले आर्थिक नुकसान को कम करके उनकी आमदनी को बढ़ाया जा सके।

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