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लोक अदालत में 3 हजार 286 केसों में से 1 हजार 971 केसों का किया गया निपटारा

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पलवल, 11 फरवरी। जिला की अदालतों में शनिवार को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के चेयरमैन पुनीश जिंदिया के नेतृत्व तथा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं डीएलएसए के सचिव कुनाल गर्ग के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय लोक अदालत में केसों का निपटारा करने के लिए जिला अदालत पलवल, होडल एवं हथीन की अदालतों में राष्ट्रीय लोक अदालतें लगाई गई।

इन लोक अदालतों में कुल 3 हजार 286 केसों में से 1 हजार 971 केसों का निपटारा किया गया।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुनीश जिंदिया तथा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कुनाल गर्ग द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए जिला न्यायिक परिसर पलवल में सभी मामलों के निपटान के लिए जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुनीश जिंदिया, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजेश गर्ग, प्रधान पारिवारिक न्यायधीश कुबूद गुगनानी, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी पूनम कंवर, प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट विनती एवं प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट मीता कोहली की न्यायिक पीठें पलवल में बनाई गईं।

इसी प्रकार होडल न्यायिक परिसर में प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट दीपक की न्यायिक पीठ को राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए बैठाया गया। इसी क्रम में हथीन न्यायिक परिसर में पवन की न्यायिक पीठ को राष्ट्रीय लोक अदालत लगाने के लिए बैठाया गया। 

इसके अलावा चेयरमैन पब्लिक यूटिलिटी सर्विस एवं परमानेंट लोक अदालत वी.पी. पाठक के द्वारा भी  प्री-लिटिगेटेड  मुकदमों का निपटान किया गया।

इन सभी न्यायिक पीठों में अधिवक्ता पिंकी, अधिवक्ता महिपाल बघेल, अधिवक्ता तीर्थराम शर्मा, अधिवक्ता कृष्णा शर्मा, अधिवक्ता महेशचंद्र, अधिवक्ता उर्मिला रावत और अधिवक्ता टेकचंद बतौर सदस्य पीठ शामिल हुए।

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुनाल गर्ग ने राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालतों में वाहन दुर्घटना मुआवजा, बैंक वसूली, राजीनामा योग्य फौजदारी मामले, बिजली एवं पानी के बिल संबंधी मामले, श्रम विवाद, सभी प्रकार के पारिवारिक विवाद, चैक बांउस, राजस्व मामले आदि को रखा गया।

इस राष्ट्रीय लोक अदालत में इन विवादों के निपटारे के लिए सुलह एवं समझौते के आधार पर निपटारे के प्रयास किए गए, जिसके चलते राष्ट्रीय लोक अदालतों में पारिवारिक मामलों में 42 में से 35 मामलों का सहमति से निपटाया गया। फौजदारी के 293 मामलों में से 205 मामलों का निपटारा हुआ।

चैक बाउंस के 79 केसों में से 58 मामले आपसी सहमति से निपटाए गए। वाहन दुर्घटना के  92 मामलों में से 43 मामलों को निपटाया गया। बैंक वसूली के 536 में से 535 मामले निपटाए गए। अन्य दीवानी मामलों में 250 केसों में से 174 मामले निपटाए गए। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में मोटर व्हीकल एक्ट/बिजली चोरी के 745 मामलों की भी सुनवाई की गई।

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