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हरियाणा के खाद की कमी नहीं है तो लाइन में क्यू लग रहे हैं किसान? -विद्रोही 

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26 अक्टूबर 2021- मनमाने भाव से बाजार में लूटे जा रहे बाजरे व खाद की कमी को लेकर सोमवार को रेवाडी में एक भाजपा विधायक के आवास पर किसानों के प्रदर्शन के दौरान विधायक के यह कहने कि एमएसपी थी, है और रहेगी व भाजपा सरकार भावांतर योजना के तहत 600 रूपये प्रति क्विंटल देकर किसानों को बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य दे रही है, पर प्रतिक्रिया प्रकट करते हुऐ स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने सवाल किया कि क्या एमएसपी है ओर रहेगी जुमला उछालने मात्र से किसान को बाजरे का एमएसपी 2250 रूपये प्रति क्विंटल मिल जायेगा? वहीं क्या भावांतर योजना के तहत 600 रूपये प्रति क्विंटल की भरपाई करने से किसान को बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल गया? वहीं विद्रोही ने अहीरवाल के भाजपा विधायकों से पूछा कि यदि बाजरे का एमएसपी मिल रही है और भावांतर योजना के तहत 600 रूपये प्रति क्विंटल देने से किसान को एमएसपी मिल जाता है तो वे मुख्यमंत्री खट्टर से मिलकर यह क्यों कह रहे थे कि बाजरा 1100 से 1200 रूपये में लूटा जा रहा है और दक्षिणी हरियाणा में किसानों को भावांतर योजना के तहत 900-950 रूपये प्रति क्विंटल दिये जाये। भाजपा विधायक बताये उनकी मुख्यमंत्री के समक्ष रखी गई उक्त मांग सही है या सोमवार को रेवाडी में भाजपा विधायक का एमएसपी के संदर्भ में किया गया दावा सही है? 

विद्रोही ने पूछा कि यदि बाजरे का एमएसपी मिल रहा है और रबी फसल की बिजाई के लिए पर्याप्त मात्रा में किसानों को खाद दिया जा रहा है तो किसानों को प्रदर्शन करने की क्या जरूरत थी? यदि खाद की कमी नही तो किसान खाद लेने के लिए रात को ही लाईनों में क्यो लग रहा है? यदि खाद पर्याप्त है तो खाद वितरण स्थानों पर पुलिस क्यो खडी है? विद्रोही ने कहा कि अहीरवाल-दक्षिणी हरियाणा के भाजपा विधायक-सांसद इतने कमजोर व कायर है कि उनमं न तो सच बोलने की हिम्मत है और न ही अन्नदाता किसानों के साथ संकट की घड़ी में खड़े होने का मादा है। यहां के सांसद व विधायक जिन मतदाताओं के बल पर चुने गए है, उन्ही से धोखाधडी करके अपने निजी स्वार्थ पूर्ति खातिर सरकार के गुलाम बनकर किसान, मजदूर, गरीब के हो रहे शोषण पर मूकदर्शक बनकर एक तरह से उसने धोखाधड़ी कर रहे है।

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