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पलवल सहकारी चीनी मिल के पिराई सत्र का शुभारंभ

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पलवल, 26 अक्तूबर। हरियाणा के सहकारिता, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री बनवारी लाल ने दी पलवल सहकारी चीनी मिल के पिराई सत्र 2021-22 का केन में गन्ना डालकर शुभारम्भ किया। उन्होंने मिल प्रबन्धन, अधिकारी/कर्मचारी एवं इस से जुड़े हुए सभी वर्गों को हार्दिक बधाई दी और आशा व्यक्त की कि यह मिल अपने पिराई सत्र के निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करते हुए अपना नाम रोशन करेगी।  

डा. बनवारी लाल ने कहा कि मुझे यह अवगत करवाते हुए अति प्रसन्नता हो रही है कि हरियाणा सरकार द्वारा भारत वर्ष में गन्ने का सर्वाधिक भाव दे रहा है। हरियाणा में अगेती किस्म का भाव 362 रूपये, मध्यम एवं पछेती किस्म का रेट 355 रूपये प्रति क्विंटल दिया जा रहा है। मिल द्वारा पिछले सीजन के गन्ने का पूरा भुगतान कर दिया गया है। इसके साथ ही मिल द्वारा गन्ना विकास योजना के तहत विभिन्न मदों के अन्तर्गत किसान भाईयों को मिल द्वारा अत्याधिक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि पलवल चीनी मिल लगातार नये कीर्तिमान स्थापित कर रही है। गुड़ बनाने की शुरुआत यहां की जा चुकी है और अब एथनॉल निर्माण की ओर कदम बढ़ाये जा रहे हैं।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि अटल कैंटीन योजना,किसानों को यार्ड में रहने के लिए गेस्ट हाऊस की सुविधा,किसानों के लिए आर.ओ. के पानी की सुविधा,किसानों के विश्रामगृह में एलईडी/टीवी देखने व अखबार पढने की सुविधा,किसानों को गन्ने के कीडे तथा बीमारियों को रोकने के लिए 10 प्रतिशत अनुदान पर दवाईयों का वितरण किया जाता है। किसानों को उन्नत किस्म के गन्ने का बीज ब्याजमुक्त रेट पर दिया जाता है।

सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल ने कहा कि मिल के माध्यम से समय-समय पर गांवों में जाकर किसानों को किसान गोष्ठी के माध्यम से गन्ने की बीमारी तथा उन्नत किस्मों के बारे में अवगत कराया जाता है ताकि किसान गन्ने की अधिक से अधिक पैदावार प्राप्त कर सकें। हरियाणा सरकार द्वारा इस वर्ष गन्ना आयुक्त के माध्यम से विभिन्न प्रकार के अनुदान भी प्रदान किये जा रहे है।

सहकारिता मंत्री ने बताया कि पिराई सत्र 2020-21 में मिल ने 33.58 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई कर इतिहास में अब तक सर्वाधिक पिराई करने का लक्ष्य प्राप्त किया है और 3.20 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया था। इस सीजन में लगभग 40 लाख क्विंटल गन्ना की पिराई के लक्ष्य एवं 9.80 प्रतिषत रिकवरी के साथ 3.92 लाख क्विंटल चीनी के उत्पादन का अनुमान है। पिछले वर्ष 2020-21 में पलवल षुगर मिल का कैपेसिटी यूटिलाईजेशन 93.22 प्रतिषत रहा जोकि हरियाणा की सभी मिलों में तीसरे स्थान पर है तथा पिछले वर्ष शुगर की रिकवरी प्रतिषत 9.47 रहा। वर्ष 2021 के सितम्बर व अक्तूबर महीने में पलवल मिल शुगर सेल रियलाईजेशन में हरियाणा की सभी मिलों में द्वितीय स्थान पर रही है।

सहकारिता मंत्री के अनुसार इस वर्ष गन्ने की बोण्डिग 48.00 लाख क्विंटल की है और मिल को लगभग 40.00 लाख क्विंटल गन्ना पिराई के लिए उपलब्ध होने की सम्भावना है। इस वर्ष मिल को अगेती किस्म का 70 प्रतिषत गन्ना उपलब्ध होगा जिससे चीनी की रिकवरी अधिक होगी। मिल में पिछले वर्ष 2020-21 में यहां पर अच्छी गुणवत्ता के साथ प्राकृतिक विटामिन, मिनरल्र्स एवं ऑयरन युक्त गुड़/शक्कर का उत्पादन किया गया था। जैगरी प्लांट की क्षमता 30 टीसीडी है। मिल ने पिछले कई सालों में बहुत अच्छे परिणाम प्राप्त करते हुए राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर एवार्ड प्राप्त किये हैं और मुझे विश्वास है कि यह मिल इस सीजन में अच्छे परिणाम प्राप्त कर कीर्तिमान स्थापित करेगी।

शाहबाद के विधायक एवं चेयरमैन, शुगरफैड, हरियाणा रामकरण ने पिराई सत्र के शुभारंभ की बधाई देते हुए कर्मचारियों व किसानों के बीच बेहतरीन तालमेल पर बल दिया। इससे चीनी मिल के सुचारू संचालन में मदद मिलती है। साथ ही उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों को समय पर भुगतान किया जाता है। इस समय किसी भी किसान का कोई बकाया नहीं है।

  इस दौरान उपायुक्त कृष्ण कुमार ने कहा कि मिल के पिराई सत्र 2021-22 के शुभारंभ  के अवसर पर सभी अतिथियों, शुगर मिल प्रबन्धन की तरफ से हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन करते हुए शुगर मिल की उपलब्धियों से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि पलवल सहकारी चीनी मिल सोसायटी 1973 में रजिस्टर्ड की गई थी और वर्ष 1984-85 में 1250 टी.सी.डी की क्षमता के साथ पिराई का शुभारम्भ किया गया था। मुख्यमंत्री  की घोषणा के अनुसार वर्तमान में हमारी मिल 1900 टीसीडी क्षमता के साथ पिराई कर रही है तथा इसे और बढाकर 2200 टीसीडी क्षमता बढाने का कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि मिल का एरिया 32 किलोमीटर की परिधि में फैला हुआ है तथा इससे लगभग 400 गांवों के किसान लाभान्वित हैं। वर्तमान में मिल के 41773 शेयर धारक हैं और लगभग 3100 किसानों के माध्यम से मिल गेट व 20 गन्ना क्रय केन्द्रों द्वारा गन्ना उपलब्ध करवाया जा रहा है।

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