नई दिल्ली- हाथरस काण्ड में रोजाना नए-नए मोड़ आ रहे हैं। अब कहा जा रहा है कि पीएफआई ने जो करोड़ों रूपये बांटे थे वो सब सुनियोजित था और पूरा गिरोह अपना-अपना काम कर रहा था ताकि उत्तर प्रदेश में दंगे भड़क जाएँ। जबलपुर की डाक्टर राजकुमारी बंसल को उसी गिरोह का सदस्य बताया जा रहा है जो पीड़िता के घर में नकली भाभी बनकर मीडिया और पुलिस को बयान दे रहीं थीं। मध्य प्रदेश पुलिस भी डाक्टर राजकुमारी की तलाश में जुट गई है। फरार होने से पहले राजकुमार बंसल ने वहां की मीडिया को बताया कि वो हाथरस गईं थीं और उन्होंने बयान भी दिया था लेकिन उनका उद्देश्य पीड़िता के परिजनों को इन्साफ दिलाना था। एटीएस के उनकी काल डिटेल से उनके संपर्क नक्सलियों से होने के दावे किये गए हैं।
सोशल मीडिया पर नक्सली भौजी ट्रेंड हो रहा है जहाँ लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं और इस ट्रेंड से कई हजार लोग जुड़ चुके हैं। डाक्टर राजकुमारी बंसल उर्फ़ नक्सली भौजी की तस्वीरें भी पोस्ट की जा रहीं हैं। उधर उत्तर प्रदेश पुलिस भी डाक्टर राजकुमारी बंसल उर्फ़ नक्सली भौजी की तलाश में निकल पडी है। सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि यूपी पुलिस अपने साथ वो गाड़ी भी ले गई है जो पलट जाती है।
जी ये है हाथरस की #नक्सल_भौजी : जबलपुर की डॉक्टर राजकुमारी बंसल जिसका इंटरव्यू पीड़िता की भाभी बताकर चित्रा त्रिपाठी अग्रवाल और प्रज्ञा मिश्रा यादव द्वारा हिंसा भड़काने के लिए लिया गया, और फरार करा दिया गया।
— Prashant Patel Umrao (@ippatel) October 10, 2020
यूपी पुलिस TUV लेकर इसे पकड़ने निकली है। pic.twitter.com/nWChZW4FZV
Why would the #FakeNaxalBhabhi wear a ghunghat while at the #Hathras victim’s house and give interviews pretending to be a relative?#नक्सल_भौजी https://t.co/5agUZ5Me48
— सुमित राठी 🇮🇳 #CBIForPalghar (@imsumitrathi) October 10, 2020
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