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भटकती रावण की आत्मा और पूर्व मंत्री पुत्र विजय ने रोका बड़खल में BJP का विजय अभियान

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Vijay Pratap Singh Congress Faridabad
तस्वीर में वो रावण जो राजनीति के कारण जल नहीं पाया और पूर्व मंत्री  के पुत्र विजय प्रताप सिंह 
फरीदाबाद 9 जनवरी: कल हुए नगर निगम चुनावों में बड़खल विधानसभा के परिणाम वही रहे जिसका अंदेशा था, अपनी ख़बरों में बार बार मैं लिखता रहा कि बड़खल में भाजपा की फजीहत होने वाली है और रावण की आत्मा भटक रही जबसे उसे बेचारे को जेसीबी से तुड़वाकर कूड़ेदान में फेंक दिया गया था । ऐसा अहसास दशहरे की रात्रि हमें हो गया था क्यू कि उस रात्रि लगभग 11 बजे मैं उस मैदान में था क्यू कि मैंने सुना था कि रावण जलने के बाद लोग उसकी राख अपने घर ले जाते हैं, उस पुतले की राख को लोग शुभ मानते हैं । उस रात्रि मैंने देखा कि लोग मोबाईल फोन की टार्च जला राख ढूंढ रहे हैं लेकिन राख मिल ही नहीं रही हैं क्यू विशालकाय रावण का पुतला बिना जले वहीं बगल में पड़ा था । लोग कह रहे थे कि जब बड़ा रावण जला ही नहीं तो राख कहाँ से मिलेगी लोग कह रहे थे दशहरे पर राजनीति अच्छी नहीं यहाँ रावण भाजपा को नुक्सान जरूर पहुंचायेगा । वही हुआ जिसकी आशंका थी हर विधानसभा में मोदी लहर चली लेकिन बड़खल में ये रुक गई । 

 इस विधानसभा क्षेत्र के 10 वार्ड में से भाजपा प्रत्याशियों को पांच वार्ड पर करारी शिकस्त मिली । । यहां भाजपा के  प्रत्याशी वार्ड 15, 16, 17, 18 और 21 पर हारे हैं। जीतने वाले भाजपा प्रत्याशियों में वार्ड 11 से मनोज नासवा, 12 से सुमन बाला, , 14 से जसवंत ¨सह, 19 से सतीश कुमार, 20 से हेमा चौधरी शामिल हैं। वहीं वार्ड 15 में भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश ढींगड़ा, 16 सुनील कुमार , वार्ड 17 से ओमप्रकाश गौड़, 18 से नवीन कुमार और 21 से राजकुमार को हार का सामना करना पड़ा है।

इस क्षेत्र में वार्ड 16 से जीतने वाले राकेश भड़ाना और वार्ड 21 से जितेंद्र भड़ाना के ऊपर सीधे तौर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री महेंद्र प्रताप का हाथ था। इन प्रत्याशियों को जिताने के लिए उनके पुत्र विजय प्रताप ने दिनरात एक किया हुआ था। विजय प्रताप मुश्किल से एक हफ्ते पहले इन दोनों उम्मीदवारों का साथ देते दिखे अगर उन्होंने एक महीने पहले ये कदम उठाया होता और इस विधानसभा  क्षेत्र के अन्य वार्डों में भी अपने उम्मीदवारों का साथ दिया होता तो ये भाजपा की फजीहत नहीं महा फजीहत हो सकती थी । उधर रावण की आत्मा इधर पूर्व मंत्री परिवार ,,दोनों मिलकर भाजपा  को कहीं का न छोड़ते । इस विधानसभा क्षेत्र के वार्ड बीस में हेमा चौधरी की जीत पहले से ही तय थी जबकि जिले की मीडिया के समर्थन से सुमन बाला खेड़ा वार्ड बारह से बहुत पहले से ही आगे थीं बची तीन और विजयी सीटों पर जोरदार की टक्कर हुई जिसके बाद भाजपा प्रत्याशी जीते ।
कल के परिणामों ने पूर्व मंत्री परिवार का कद बढ़ा है जबकि स्थानीय विधायिका एवं मुख्य संसदीय सचिव सीमा त्रिखा का कद नीचे गिरा है । क्यू ऐसा हुआ उन्हें मनन ही जरूरत है ।
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