इस लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य न्यायालयों में लंबित अधिक से अधिक मामलों का आपसी समझौते के माध्यम से सौहार्दपूर्ण समाधान सुनिश्चित करना है, जिससे आम जनता को त्वरित, सरल, सस्ता और सुलभ न्याय मिल सके।
इस राष्ट्रीय लोक अदालत में निम्नलिखित प्रकार के मामलों का निपटारा किया जाएगा:
बैंक ऋण वसूली से संबंधित मामले, मोटर वाहन दुर्घटना दावा (MACT) मामले, वैवाहिक व पारिवारिक विवाद, दीवानी वाद (सिविल सूट्स), फौजदारी जमानती मामले (Compoundable Criminal Cases), श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण संबंधी मामले, बिजली व जल बिल विवाद (यदि आपसी सहमति संभव हो), राजस्व संबंधित मामले, ट्रैफिक चालान व समरी चालान व अन्य सभी प्रकार के छोटे व समझौता योग्यवाद मामलों का आपसी सहमति से अधिक से अधिक निपटान किया जायेगा।
सीजेएम रितु यादव ने आमजन से अपील की है कि वे इस अवसर का भरपूर लाभ उठाएं और अपने लंबित मामलों को राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निपटाने हेतु न्यायालय में संपर्क करें। इस प्रक्रिया में किसी भी पक्ष को कोई भी कोर्ट फीस अदा नहीं करनी पड़ती, और यदि पहले से कोर्ट फीस अदा की गई है तो वह राशि नियमानुसार वापिस दी जाती है।
लोक अदालत में पारित निर्णय अंतिम होता है तथा उसके विरुद्ध कोई अपील नहीं की जा सकती, जिससे विवाद का स्थायी व त्वरित समाधान संभव हो पाता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन से न्यायिक प्रणाली पर भार कम होगा और समाज में आपसी सद्भाव एवं विश्वास को बल मिलेगा।
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