पाली एवं मोहताबाद गांव के लोग अपने पहाड़ की मलकियत जमीन के लिए आज भी तारीख भुगत रहे हैं और एक पैसा भी उनको मुआवजे के रूप में नगर निगम की तरफ से नहीं मिला है। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता धर्मवीर भड़ाना रविवार को गुड़गांव पाली रोड स्थित अपने कार्यालय पर प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए बोल रहे थे।
उन्होंने बताया कि 1992 में जब पूरे देश में कांग्रेस सरकार थी और हरियाणा में भी कांग्रेस सरकार थी तब वन विभाग नाम का एक बीज आया। उस समय चौधरी महेंद्र प्रताप सिंह हरियाणा में कैबिनेट मंत्री थे, उन्होंने न फॉरेस्ट का विरोध किया और ना ही गांव की जमीन को फॉरेस्ट में जाने से रोकने के लिए कोई प्रयत्न किया। इतना ही नहीं आसपास के गांवों की मलकियत की जमीन को भी फॉरेस्ट में दिलवा दिया, जिसका परिणाम लोग आज भुगत रहे हैं।
भड़ाना ने जानकारी देते हुए कहा कि 2003 में अपने लोगों से सुप्रीम कोर्ट में याचिका डलवा कर पाली, मोहब्ताबाद, बड़खल एवं अन्य गांव के लोगों की जो खदानें चल रही थी, उनको भी बंद करवा दिया, ताकि इलाके के लोग संपन्न न हो सकें और उनके समक्ष कोई चुनाव न लड़ पाए। सन 2012 में जब पाली गुड़गांव रोड बना तो पूर्व मंत्री ने पाली क्रेशर जोन में टोल टैक्स लगवा दिया, जबकि पूरी दुनिया में ऐसा कहीं भी नहीं है, जहां रोड खत्म होता है वहां टोल नहीं होता है। आज उनके कमों की सजा आसपास के गांव के लोग और युवा झेल रहे हैं, जो हर रोज हजारों रुपए का टोल अदा कर रहे हैं।
धर्मवीर भड़ाना ने कहा कि जब अनंगपुर गांव में हो रही तोड़फोड़ को लेकर 36 बिरादरी के लोग केंद्र में राज्य मंत्री चौधरी कृष्णपाल गुर्जर की निवास पर पहुंचे, तो गुर्जर ने उनको विश्वास दिलाया और कहा कि जेसीबी गांव में मकान तोड़ने नहीं जाएगी। उसी दिन से गांव में आंदोलन समाप्त हो गया और लोग आश्वस्त हो गए। उस समय कांग्रेस नेताओं ने वहां जाकर लोगों को भड़काया और अपना राजनीतिक खेल शुरू कर दिया।
हमारे इलाके के सीधे-साधे लोगों को बहला फुसलाकर आज यहां पर कांग्रेस के लोग राजनीतिक रोटी सेक रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र के लोगों को चौधरी कृष्ण पाल गुर्जर के कथन पर पूरा विश्वास है। पूरा क्षेत्र जानता है कि चौधरी कृष्ण पाल गुर्जर की कथनी और करनी में कोई फर्क नहीं है। इस मौके पर उनके साथ चौधरी आजाद भड़ाना और बिल्लू भगत जी मौजूद रहे।
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