इस नई प्रक्रिया के तहत, चुनावी रोल में किसी भी अपडेट के 15 दिनों के भीतर मतदाताओं को उनके मतदाता पहचान पत्र प्राप्त हो जाएंगे। इसमें नए मतदाता का नामांकन या मौजूदा मतदाता के किसी भी विवरण में बदलाव शामिल है।
उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने जानकारी देते हुए बताया कि यह पहल मतदाताओं की सुविधा के लिए चुनाव आयोग द्वारा किए जा रहे विभिन्न उपायों के अनुरूप है। नई प्रणाली ऐपिक जनरेशन से लेकर इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर द्वारा मतदाता को डाक विभाग के माध्यम से ऐपिक की डिलीवरी तक प्रत्येक चरण की वास्तविक समय पर ट्रैकिंग सुनिश्चित करेगी। उन्होंने बताया कि मतदाताओं को प्रत्येक चरण में एसएसएस के माध्यम से भी सूचनाएं प्राप्त होंगी, जिससे उन्हें अपने ऐपिक की स्थिति के बारे में जानकारी मिलती रहेगी।
उपायुक्त ने बताया कि इस उद्देश्य के लिए भारत निर्वाचन ने अपने हाल ही में लॉन्च किए गए ईसीनेट प्लेटफॉर्म पर एक समर्पित आईटी मॉड्यूल पेश किया है। यह नया आईटी प्लेटफॉर्म मौजूदा प्रक्रिया को बदल देगा। वर्तमान प्रणाली को फिर से इंजीनियर करके और वर्कफ़्लो को सुव्यवस्थित करके। निर्बाध डिलीवरी के लिए डीओपी का एप्लीकेशन प्रोग्राम इंटरफ़ेस के साथ एकीकृत किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य डेटा सुरक्षा बनाए रखते हुए सेवा वितरण को बढ़ाना है।
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