उन्होंने कहा कि गांव अनंगपुर के लोगो को केंद्रीय राज्यमंत्री एवं फरीदाबाद के सांसद कृष्णपाल गुर्जर ने आश्वासन दिया है कि वह किसी कीमत पर गांव में तोडफ़ोड़ नहीं होने देंगे और अगर जेसीबी यहां आई तो उसके आगे खड़ा होकर विरोध करेंगे और पिछले चार दिनों से यहां तोडफ़ोड़ दस्ता आया भी नहीं है, ऐसे में हम सभी को केंद्रीय मंत्री के आश्वासन पर भरोसा जताना चाहिए क्योंकि इस समस्या का हल सरकार व अफसरों के साथ मिलकर ही निकाला जा सकता है।
भड़ाना शनिवार को सूरजकुंड स्थित अपने कार्यालय पर पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अनंगपुर गांव 1100 साल पहले बसा था और उस दौरान जिसके पास खेती के लिए एक बीघा जमीन थी, उसे पशु पालने, चराने इत्यादि के लिए सात बीघे पहाड़ मिलता था, वर्षाे से लोग यहां बसे हुए है, यह हमारी अपनी जमीन है, अधिकारियों ने सुप्रीमकोर्ट में गलत तथ्य प्रस्तुत कर इसे फारेस्ट विभाग मेें डाल दिया। नियमानुसार अगर फारेस्ट विभाग जमीन लेता है तो कंपोशेसन दिया जाता है अथवा हम खुद लिखकर फारेस्ट विभाग को जमीन दे सकते है, लेकिन अनंगपुर गांव की जमीन यहां के लोगों की पुश्तैनी मलकियत है।
करतार भड़ाना ने कहा कि तोडफ़ोड़ की इस कार्रवाई के तहत उनके फार्म हाऊस भी तोड़े गए, जबकि उनकी सभी प्रॉपर्टी पूरी तरह से वैध है, लेकिन उनके फार्म टूट गए, कोई दुख नहीं लेकिन गांव नही टूटना चाहिए, इसी प्रयास में वह जुटे हुए है। भड़ाना ने स्पष्ट किया कि अनंगपुर मामले में सुप्रीमकोर्ट के जो ऑर्डर आए है, वह पंचायतों से नहीं सुलझेगा, बल्कि उसे सरकार व अफसरों के सहयोग से सुप्रीमकोर्ट के समक्ष सही तथ्यों के साथ रखना होगा, तभी हमारा गांव बच पाएगा।
रविवार को गांव अनंगपुर में आयोजित होने वाली पंचायत को लेकर पूर्वमंत्री ने कहा कि अभी पंचायत की कोई आवश्यकता नहीं है, जब जरूरत पड़ेगी तो पहले गांव की पंचायत की जाएगी। उन्होंने सभी पार्टियों के नेताओं से आह्वान किया कि वह इस मुद्दे पर राजनीति न करे और लोगों को सरकार व अधिकारियों के खिलाफ न भडक़ाए क्योंकि इस मामले का हल शांति और कानून के दायरे में रहकर की किया जा सकता है।
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