डीसी विक्रम सिंह ने बताया कि इस बार मानसून से पहले नालों की समुचित सफाई सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए क्षेत्रवार निरीक्षण किया जा रहा है और संबंधित अधिकारियों को सफाई कार्य की निगरानी एवं सत्यापन की जिम्मेदारी उठा रहे हैं।
जहां-जहां से सिल्ट, कचरा, प्लास्टिक या अन्य अवरोधक सामग्री हटाई जा रही है, उन्हें निर्धारित स्थानों पर वैज्ञानिक ढंग से निस्तारित किया जा रहा है, ताकि वे दोबारा जल निकासी में बाधा न बन सकें। उन्होंने प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान कर वहां विशेष सफाई दलों को तैनात किया गया है, जो आधुनिक उपकरणों की सहायता से मलबा, कचरा एवं अन्य अवरोधों को हटाकर जल निकासी व्यवस्था को दुरुस्त कर रहे हैं।
डीसी ने आदेश दिया कि सफाई कार्य शुरू करने से पहले और सफाई कार्य के बाद की जियो-टैग की गई फोटो पोर्टल पर अपलोड की जा रही है, ताकि सफाई कार्य की समीक्षा की जा सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे स्वयं मौके पर जाकर सफाई कार्य का निरीक्षण करें और यदि सफाई कार्य में कोई कमी पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
इन नालों एवं ड्रैनो की सफाई की गई :
जिला में जलभराव की समस्या से निपटने और साफ-सफाई को प्राथमिकता देते हुए प्रशासन द्वारा 30 मई के मुख्य स्थलों पर व्यापक नाला और डिस्पोजल सफाई अभियान चलाया जा रहा है। उपायुक्त विक्रम सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि इस अभियान के अंतर्गत नालों की सफाई से पहले और बाद की स्थिति की निगरानी एचसीएस स्तर के अधिकारियों द्वारा की जा रही है, जिससे कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके।
इसी क्रम में आज प्रतापगढ़ साइफन के पास गौछी ड्रेन, पल्ला गांव में ड्रेन और नाला, सराय ड्रेन, एनआईटी-02 क्षेत्र, एसी नगर नाला, सेक्टर-91 शिवा कॉलोनी, बड़खल विलेज नाला और बुढ़िया नाले की सफाई की गई। प्रशासन का यह अभियान मानसून से पहले जल निकासी को सुचारु बनाने और नागरिकों को जलभराव की समस्या से राहत दिलाने की दिशा में एक ठोस प्रयास है।
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