उपायुक्त ने बताया कि नामांकन केवल राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल awards.gov.in के माध्यम से ही किया जा सकता है। नामांकन करने वाले को 800 शब्दों तक का एक व्याख्यात्मक प्रशस्ति-पत्र भी प्रस्तुत करना होगा, जिसमें अनुशंसित व्यक्ति की उपलब्धियों और समाज में उनके योगदान का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि समाज के उन निस्वार्थ कर्म योगियों की पहचान के लिए सामूहिक प्रयास किए जाने चाहिए, जो बिना प्रसिद्धि की चाहत के समाज की सेवा कर रहे हैं। विशेष रूप से महिलाओं, दिव्यांगजनों, अनुसूचित जातियों/जनजातियों, कमजोर वर्गों और ग्रामीण क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को आगे लाना चाहिए ताकि उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिल सके।
उपायुक्त ने बताया कि पद्म पुरस्कार कला, साहित्य, शिक्षा, चिकित्सा, सामाजिक कार्य, विज्ञान एवं तकनीक, खेल, जन सेवा, व्यापार और उद्योग जैसे विविध क्षेत्रों में असाधारण सेवाओं और उपलब्धियों को मान्यता देने के लिए प्रदान किए जाते हैं।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि डॉक्टर और वैज्ञानिकों को छोड़कर सार्वजनिक उपक्रमों में काम करने वाले सरकारी कर्मचारी पद्म पुरस्कार के लिए पात्र नहीं हैं। अधिक जानकारी के लिए नागरिक पद्म पुरस्कारों की आधिकारिक वेबसाइट www.padmaawards.gov.in पर भी विजिट कर सकते हैं।
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