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विद्रोही का केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव से तीखा सवाल

Ved-Prakash-Vidrohi
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 28 जून 2022- स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने सोमवार को रेवाडी के एक कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव के इस दावे को हास्यास्पद व क्रूर मजाक बताया कि मोदी व खट्टर सरकार ईमानदारी से गरीब कल्याण के लिए काम कर रही है अैर अग्निपथ योजना युवाओं, सेना व राष्ट्रीय हित में है। विद्रोही ने केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव से सवाल किया कि यदि हरियाणा भाजपा खट्टर सरकार गरीब कल्याण के लिए कार्य कर रही है तो सुप्रीम कोर्ट की गाईड लाईन को दरकिनार करके पिछडे वर्ग की क्रीमीलेयर वार्षिक आय सीमा 8 लाख से घटाकर 6 लाख रूपये वार्षिक क्यों की? हरियाणा में द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों के बच्चों को केन्द्र की अधिसूचना के विरूद्ध पिछडे वर्ग के आरक्षण में कृषि आय को क्रीमीलेयर आय सीमा में शामिल क्यों किया? अहीरवाल व पिछडे वर्ग से सम्बन्धित भूपेन्द्र यादव ने केन्द्रीय मंत्री होने पर अपनी ही पार्टी के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के इस पिछडा वर्ग विरोधी मानसिकता के खिलाफ आवाज क्यों नही उठाई?

विद्रोही ने कहा कि कहने को तो मोदी सरकार में हरियाणा से पिछडे वर्ग से सम्बन्धित तीन मंत्री है, पर उक्त तीनों मंत्री देश व प्रदेश में पिछडे वर्ग के चोर दरवाजे से हडपे जा रहे आरक्षण के विरूद्ध कभी भी मुंह नही खोला। पिछडे बाहुल्य अपने क्षेत्र में आकर पिछडे वर्ग के हितों व गरीब कल्याण की बात करना और इन वर्गो के साथ मोदी-संघी सरकार द्वारा किये जा रहे भेदभाव, षडयंत्र पर दड़ मारे रहना बताता है कि उक्त मंत्री केवल संघी कठपुतलिया है और इनका पिछडे, गरीब, क्षेत्र के हितों से कोई लेना-देना नही।

विद्रोही ने कहा कि अग्निपथ योजना को युवा, सेना व राष्ट्र हित में बताकर केन्द्रीय ंमत्री भूपेन्द्र यादव मोदी सरकार में अपनी नौकरी पक्की कर सकते है, लेकिन उनका कथन अपने वर्ग, युवाओं के साथ धोखाधडी है। युवाओं का भविष्य बर्बादे करो, उन्हे चार साल में ही सेना से नो रैंक-नो पैंशन रिटायर कर दो और राजनेता विधायक-सांसद की कई-कई पैंशन लेते रहे और जीवन की अंतिम सांस तक सत्ता छोडने को तैयार नही। यह कैसा विरोधाभास है? खुद के लिए अलग निर्णय व युवाओं के लिए अलग निर्णय। जिस हरियाणा से सेनाओं में युवा हर वर्ष लगभग 5 हजार पक्की नौकरियां पाते थे ओर रिटायर होने पर भूतपूर्व सैनिक का सम्मान व पैंशन के हकदार होकर इज्जत से जीने का हक पाते थे, अब उसी हरियाणो से सेना भर्तीयों में 5 हजार की बजाय 950 लोग भर्ती होंगे और वे भी चार साल बाद बिना रैंक, बिना पैंशन व भूतपूर्व सैनिक का तगमा पाये बिना रिटायर कर दिये जायेंगे। विद्रोही ने सवाल किया कि 22 से 25 साल कीे भरी जवानी में युवाओं को बेरोजगार, रिटायर करने वाली अग्निपथ योजना को युवाओं के हित में कोई निजी स्वार्थो से प्रेरित अविवेकी व्यक्ति ही बताने की हिमाकत कर सकता है। 

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