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शरीर में इम्यूनिटी पावर बढ़ानी है तो गोमूत्र का प्रयोग करें- केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला

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फरीदाबाद, 28 जून। भारत सरकार के मत्स्य एवं  पशुपालन व डेयरी विभाग के कैबिनेट मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा कि महानगरों की आधुनिकता से भरी असंतुलित जीवन शैली को यदि पटरी पर लाना है, तो हमें प्रत्येक महानगर के बाहरी इलाके में काऊ हॉस्टल की स्थापना करनी होगी। केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला आज मंगलवार को फरीदाबाद के सेक्टर-8 स्थित सर्वोदय हॉस्पिटल के ऑडिटोरियम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर उपस्थित लोगों को  संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने गौ पालन के विषय पर बल देते हुए कहा कि हमें इसके लिए पुराने तरीकों को छोड़कर वैज्ञानिक पद्धति अपनाने की आवश्यकता है।

केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा कि गोवर्धन से आत्मनिर्भर बना भारत बनाने की संभावनाएं बढ़ रही है। गाय के दूध और गोबर के महत्व को जानने की कोशिश करें। यदि शरीर में इम्यूनिटी पावर बढ़ानी है तो गाय के दूध भी और गोमूत्र का प्रयोग करें। उन्होंने अहमदाबाद की बंशीधर गौशाला का जिक्र करते हुए कहा कि वहां पर ₹200 रुपये किलो गाय का दूध पीता है और ₹4000 रुपये  किलो गाय का घी बिकता है।

केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा कि ब्राज़ील की अर्थव्यवस्था गाय पर आधारित है। वहां गाय को जेबू कहते हैं। हमारी गिर नस्ल की गाय को वहां सर्वोपरि गाय माना गया है। ऋषि मुनियों की जानकारी के अनुसार भारत देश पहले गौ अर्थव्यवस्था पर निर्भर था। गाए आज जमीनी स्तर पर दुनिया के अर्थ तंत्र का केंद्र बिंदु बनने जा रही है।

केंद्रीय मंत्री रुपाला ने कहा कि अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना है तो जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ानी होगी और पोषण की दृष्टि से संतुलित जीवनशैली अपनानी होगी। इन सभी आयामों की प्राप्ति का गाय ही एकमात्र साधन है। उन्होंने कहा कि भारत अब अपनी वास्तविक प्रकृति में लौट रहा है और दुनिया उसके सामने नतमस्तक हो रही है। केंद्रीय मंत्री रुपाला ने योग का उदाहरण देते हुए कहा कि पूरे विश्व में जिस तरह से योग को सम्मान मिला है, वैसे ही दुनिया गौ विद्या को भी उतने ही सम्मान से देखेगी।


केंद्रीय मंत्री रुपाला ने कहा कि इससे गौशालाओं को हर महीने 1.5 लाख  से लेकर 1.7 लाख किलोग्राम गोबर का निस्तारण करने में मदद मिलेगी। गोबर आधारित लट्ठे बनाने वाली यह मशीन गौशालाओं को अपने कचरे के निस्तारण की समस्या को दूर करने में सहायक होगी और जिस स्थान पर इस मशीन को लगाया जाएगा, वहां रहने वाले और आसपास के गांव के निवासियों के लिए यह रोजगार का एक अतिरिक्त स्रोत तो बनेगी ही और इसके साथ दूध देना बंद कर चुकी गायों को भी इस तरह की मशीनों से आर्थिक गतिविधि में शामिल किया जा सकेगा। गौशाला में रहने वाली सभी गायों की देखभाल के लिए धन पैदा किया जा सकेगा। 


केन्द्रीय मत्स्य एवं पशुपालन व डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने नीमका गौशाला में जाकर गौशाला कार्यविधि का जायजा भी लिया।


केंद्रीय मंत्री ने संस्थान के परिसर में खाद्य पदार्थ सामग्री से बनी चीजों के बारे में जानकारी ली। केन्द्रीय मंत्री ने दौरे के दौरान 5 से अधिक खाद्य मशीन के प्रकार का प्रदर्शन किया। साथ ही कई जल-कृषि साधनों का प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने संस्थान द्वारा विकसित विभिन्न प्रकार के मशीन द्वारा बनी अगरबत्ती, दिया,गोबर से बनी लकड़ियों, चारा निरूपण यंत्र तथा उपचारात्मक यंत्र की भूरी भूरी प्रशंसा भी की।


आईआईटी के छात्र आशीष ने केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला को सूखे गोबर से लट्ठे (लॉग) बनाने वाली एक “गो काष्ठ” मशीन सौंपी। इसका मकसद भारत में दाह संस्कार की हिंदू प्रथा के तहत लकड़ियों के स्थान पर गाय के गोबर से बनी लकड़ियों का इस्तेमाल करना है जो जलने पर ज्यादा उत्सर्जन नहीं करती हैं। 


गोधन महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक विजय खुराना ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज देश में 19500 गौशाला है, जबकि इनकी संख्या 10 वर्ष पहले 9500 थी। आज गौशालाओं में सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों की बदौलत आय के संसाधन बढ रहे हैं और गौशालाओं की कायापलट हो रही है।  


सर्वोदय अस्पताल की एमडी अंशुल गुप्ता ने अस्पताल प्रशासन की ओर से आए हुए सभी मेहमानों का स्वागत किया। एईआईसीओएस एमआईए हरियाणा के चेयरमैन कपिल मलिक ने भी मेहमानों को स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया। दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

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