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2 साल के अंतराल के बाद सूरजकुंड शिल्प मेला का हुआ आगाज

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चंडीगढ़:हरियाणा के 
अपने पसंदीदा मेले सूरज कुंड का बेसब्री से इंतजार कर रहे आगंतुकों के लिए दो साल के लंबे अंतराल के बाद अंतत: हरियाणा के अनूठे सूरजकुंड शिल्प मेले का आज से आधिकारिक रूप से उद्घाटन हो गया। इस बार मेले की सबसे अच्छी बात यह है कि आगंतुक मेले की प्रवेश और पार्किंग टिकट पेटीएम इनसाइडर और हरियाणा पर्यटन की वेबसाइट से बुक कर सकते हैंइससे अब उन्हें लंबी कतारों में नहीं लगना पड़ेगा और वे मेला परिसर में आसानी से प्रवेश कर सकेंगे। इसके अलावावेबसाइट www.srajkundmelaauthority.com पर एक ऐप के माध्यम से वर्चुअल टूर और शिल्पकारों की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावादिव्यांगजनोंवरिष्ठ नागरिकोंरक्षा कर्मियों और पूर्व सैनिकों को प्रवेश टिकट पर 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। इसके साथ हीआसपास के क्षेत्रों से यात्रियों को मेला स्थल तक ले जाने के लिए विभिन्न स्थानों से विशेष बसें भी चलेंगी।

35वां सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला-2022 नई ऊर्जा के साथ किया गया है आयोजित

        वर्ष 1987 से सूरजकुंड शिल्प मेला लगातार भारत की हस्तशिल्पहथकरघा और सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि और विविधता को प्रदर्शित करता रहा है। हालाँकिवैश्विक कोविड-19 महामारी के कारण, 2 साल से मेले का आयोजन नहीं किया गया थालेकिन 35 वां सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला-2022 नई ऊर्जा के साथ एक बड़े आयोजन के वादे के साथ आया है।

        केंद्रीय पर्यटनकपड़ासंस्कृतिविदेश मंत्रालय और हरियाणा सरकार के सहयोग से सूरजकुंड मेला प्राधिकरण तथा हरियाणा पर्यटन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस हस्तशिल्प उत्सव ने अपने शिल्पसंस्कृति और भारत के व्यंजनों के प्रदर्शन के लिए अंतरराष्ट्रीय पर्यटन कैलेंडर पर प्रमुखता से अपनी पहचान कायम की हैजो गर्व की बात है।

 

इस वर्ष मेले के मुख्य आकर्षणों में वैष्णो देवी मंदिरअमरनाथ मंदिरअपना घर की प्रतिकृतियां

        चूंकि जम्मू एवं कश्मीर 35वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला 2022 का 'थीम स्टेटहैइसलिए वैष्णो देवी मंदिरअमरनाथ मंदिरकश्मीर से वास्तुकला का प्रतिनिधित्व करने वाले अपना घरहाउस बोट का लाइव प्रदर्शन और स्मारक द्वार 'मुबारक मंडी-जम्मू की प्रतिकृतियां मुख्य आकर्षण रहेंगे।

        साथ हीजम्मू-कश्मीर के सैकड़ों कलाकार विभिन्न लोक कलाओं और नृत्यों का प्रदर्शन करेंगे। पारंपरिक नृत्य कला रूपों से लेकर उत्कृष्ट शिल्प तकजम्मू-कश्मीर की विरासत और संस्कृति का एक गुलदस्ता विभिन्न कला रूपों और हस्तशिल्प के माध्यम से अनूठी संस्कृति और समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने वाले इस मेले का मुख्य आकर्षण रहेगा।

भारत से आने वाले हजारों शिल्पकारों को अपनी कला को दर्शकों के सामने प्रदर्शित करने के लिए एक मंच मिलता है

इस मेले के माध्यम सेभारत भर के हजारों शिल्पकारों को अपनी कला और उत्पादों को व्यापक दर्शकों के सामने प्रदर्शित करने के लिए एक सुनहरा मंच मिलता है। इतना ही नहींयह मेला भारत के विरासत शिल्प को पुनर्जीवित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

सूरजकुंड शिल्प मेले के इतिहास में एक बेंचमार्क स्थापित हुआ जब इसे वर्ष 2013 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपग्रेड किया गया था। 2020 मेंयूरोपअफ्रीका और एशिया के 30 से अधिक देशों ने मेले में भाग लियाजबकि इस वर्ष भी 30 से अधिक देश इस मेले का हिस्सा बनेंगेजिसमें पार्टनर नेशन - उज्बेकिस्तान शामिल है।

इसके अलावालैटिन अमेरिकी देशोंअफगानिस्तानइथियोपियाइस्वातिनीमोजाम्बिकतंजानियाजिम्बाब्वेयुगांडानामीबियासूडाननाइजीरियाइक्वेटोरियल गिनीसेनेगलअंगोलाघानाथाईलैंडनेपालश्रीलंकाईरानमालदीव और अन्य देशों से भी उत्साही भागीदारी होगी।

'अपना घरहरियाणा की प्रामाणिक जीवन शैली को प्रदर्शित करेगा

         हरियाणा का एक परिवार हरियाणा की प्रामाणिक जीवन शैली को प्रदर्शित करने के लिए विशेष रूप से बनाए गए 'अपना घरमें रहने जा रहा है। 'अपना घरआगंतुकों को राज्य के लोगों की जीवन शैली का अनुभव करने का मौका देता है और उन्हें अपनी संस्कृति के बारे में बातचीत करने और सीखने का मौका भी प्रदान करता है। अपना घर में पारंपरिक मिट्टी के बर्तन आदि दिखाए जाएंगे और शिल्पकार इन पारंपरिक शिल्पों का जीवंत प्रदर्शन करेंगे ।

पारंपरिक प्रॉप्स के उपयोग के साथ-साथ दर्शकों के लिए प्रदर्शन को जीवंत बनाने के लिए इस बार दोनों चौपालों को भाग लेने वाले राज्य और भागीदार राष्ट्र के तत्वों से प्रेरित होकर एक नया रूप दिया गया है।

दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेगा अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकारों का शानदार प्रदर्शन

आगंतुकों के मूड को जीवंत करने के लिए भारत के राज्यों के कलाकारों सहित भाग लेने वाले विदेशों के अंतर्राष्ट्रीय लोक कलाकारों द्वारा शानदार कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। पंजाब के भांगड़ाअसम के बिहूबरसाना की होलीहरियाणा के लोक नृत्यहिमाचल प्रदेश के जमाकड़ामहाराष्ट्र का लावणीहाथ की चक्की का लाइव प्रदर्शन और हमेशा से मशहूर रहे बेहरुपिया जैसे विभिन्न प्रकार के कलाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगे।

इसके अलावामेला पखवाड़े के दौरान चौपाल पर शाम सात बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रमों से दर्शकों का मनोरंजन होगा। रहमत-ए-नुसरतरिंकू कालिया की गज़लमंत्रमुग्ध कर देने वाली डांस परफॉर्मेंसभावपूर्ण सूफी परफॉर्मेंसमाटी बानी द्वारा रिदम ऑफ इंडियाजम्मू-कश्मीरउजबेकिस्तान और अन्य अंतरराष्ट्रीय कलाकारों के फुट-टैपिंग डांस और सॉन्ग शो जैसे बैंड के शानदार प्रदर्शन का दर्शक आनंद ले पाएंगे।

शिल्पकारों के लिए बनाए गए हैं 1183 वर्क हट्स

मेला मैदान 43.5 एकड़ भूमि में फैला हुआ है और शिल्पकारों के लिए 1183 वर्क हट्स और एक बहु-व्यंजन फूड कोर्ट हैजो आगंतुकों के साथ बेहद लोकप्रिय है। मेले का माहौल महुआनरगिसपांचजन्य जैसे रूपांकनों और सजावट के साथ जातीय जीवंतता पर ले जाएगा। इसके अलावाआगंतुकों को स्वतंत्रता पदकतिरंगे बंटिंग और स्मारक टिकटों के रूपांकनों और प्रतिकृतियों के साथ स्वतंत्रता के 75 साल के थीम की भी झलक मिलेगी।

        मेले की अन्य प्रमुख विशेषताएं

सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए मेला मैदान में नाइट विजन कैमरों के साथ 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना या दुर्घटना को रोकने के लिए मेला परिसर में महिला गार्ड सहित बडी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।

 तकनीकी नवाचारों के माध्यम से परेशानी मुक्त पार्किंग।

मेला पार्किंग में प्रवेश करने वाले वाहनों की नंबर प्लेट पहचान करने के लिए ई-निगरानी के लिए एनपीआर प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाएगा।

•  भीड़ गिनने की तकनीक का भी उपयोग किया जाएगा।

• मेले में प्रवेश करने वाले अतिचारियों की घुसपैठ की जांच की जाएगी।

• पूरे मेले में किसी भी आपात स्थिति के लिए फायर ब्रिगेड की टीम और चिकित्सा दल उपलब्ध रहेंगे।

दिव्यांगजनों के लिए बेहतर सुविधाएं होंगी और मेला परिसर में प्लास्टिक/पॉलीथिन की थैलियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।

कला एवं संस्कृति विभाग पारंपरिक और सांस्कृतिक कलाकारों जैसे कच्ची घोड़ीस्टिक वॉकरकालबेलियाराजस्थान से बेहरुपियाहिमाचल से कांगड़ी नाटीअसम से बिहूपंजाब के भांगड़ाजिंदुआझूमेरउत्तराखंड के चैपलउत्तर प्रदेश के बरसाना की होलीमेघालय से वांगियासंभलपुरी ओडिशामध्य प्रदेश से बधाईमहाराष्ट्र से लावणी का प्रदर्शन करेगा।

• मेला पखवाड़े के दौरान निर्यातकों और खरीदारों की बैठक का आयोजन किया जाएगाजो शिल्पकारों को निर्यात बाजार तक पहुंचने और उसका दोहन करने के लिए एक तैयार समर्थन प्रणाली प्रदान करती है।

क्रमांक- 2022

गौरव



स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को बनाएंगे आत्मनिर्भर- राज्यमंत्री कमलेश ढांडा

चण्डीगढ, 19 मार्च- हरियाणा की महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती कमलेश ढांडा ने कहा कि प्रदेश में स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की तैयारी प्रदेश सरकार द्वारा की गई है। उन्होंने कहा कि 10 हजार नए स्वयं सहायता समूहों के गठन के साथ-साथ 50 हजार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा लिया गया है।

राज्यमंत्री आज कैथल में आमजन की समस्याएं सुन रहीं थी। इस मौके पर उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह प्राथमिकता के आधार पर आमजन की परेशानियों का निवारण करें।  श्रीमती ढांडा ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत बनाने का जो सपना देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देखा हैउसे पूरा करने के लिए हरियाणा सरकार मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के कुशल मार्गदर्शन में निरंतर कदम उठा रही है।

उन्होंने आम बजट में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उठाए गए कदमों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नारी शक्ति के सशक्तिकरण के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इस दिशा में गांव-गांवशहर-शहर में स्वयं सहायता समूहों को मजबूत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वित वर्ष 2022-23 के दौरान 10 हजार नए स्वयं सहायता समूह तैयार किए जाएंगे और 50 हजार महिला सदस्यों को विशेष तौर पर आत्मनिर्भर बनाने के लिए योजना का लाभ दिया जाएगा। इन स्वयं सहायता समूहों को केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जा रही सहायता के अतिरिक्त 1 लाख 80 हजार रूपए से कम आय वाली महिला सदस्यों पर आने वाली संपूर्ण ब्याज की लागत को प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे महिलाओं की आय में बढ़ोतरी होगी और उनके परिवार का आर्थिक उत्थान सुनिश्चित होगा।

राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि प्रत्येक नागरिक का यह दायित्व है कि समाज के अंतिम छोर पर मौजूद नागरिकविशेषकर महिलाओं के उत्थान के लिए योजनाओं को लेकर जागरूक करेंताकि महिला सशक्तिकरण की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ा जा सके।

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