फरीदाबाद: पुलिस आयुक्त विकास कुमार अरोड़ा के दिशा निर्देश के तहत कार्य करते हुए साइबर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर बसंत की टीम ने साइबर ठगी के गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए गिरोह के छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में अशोक, शान, अमित, प्रदीप, तरुण तथा रविंद्र का नाम शामिल है। आरोपी शान उत्तर प्रदेश के महोबा जिले का रहने वाला है वही अन्य आरोपी दिल्ली के निवासी हैं। इस मामले में दो आरोपी अभी फरार चल रहे हैं जिन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि आजकल के आधुनिक दौर में पैसा सुरक्षित रखने का सबसे आसान तरीका सरकारी व गैर सरकारी बैंक तथा सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त डाकघर, एलआईसी इत्यादि है। लेकिन इसके बावजूद भी कुछ अपराधिक प्रवृति के लोग नागरिकों को तरह तरह के लालच देकर उन्हें ठगने में कामयाब हो जाते हैं।
उन्होंने बताया कि आरोपी बहुत ही शातिर किस्म के अपराधी हैं। आरोपियों ने साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देने के लिए दिल्ली के जनकपुरी स्थित डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल एरिया में कॉल सेंटर खोल रखा था। आरोपी किसी ब्रोकर से एलआईसी पॉलिसी धारकों का डाटा इकट्ठा करते थे। पॉलिसी धारकों की जानकारी प्राप्त होने के पश्चात उक्त आरोपी पॉलिसी धारक को फोन करते थे और अपने आप को एलआईसी का अधिकारी बताते थे और सबसे पहले पॉलिसी धारक को उसकी पॉलिसी के बारे में जानकारी देकर उन्हें अपने विश्वास में ले लेते थे। इसके पश्चात आरोपी उन्हें हाल में चल रही उनकी पॉलिसी से बेहतर पॉलिसी के बारे में झूठी जानकारी देते थे जिसमें कम समय में ज्यादा मुनाफे की गारंटी का झूठा वादा किया जाता था। साइबर ठगों की इन लुभावनी बातों में आकर पॉलिसी धारक अपनी पुरानी पॉलिसी को बंद करके आरोपियों द्वारा बताई गई इस नई पॉलिसी को खरीदने के लिए तैयार हो जाता था जिसके पश्चात आरोपी अलग-अलग समय पर अलग-अलग बहाने बनाकर पीड़ित से मोटी रकम ऐंठ लेते थे। इसी प्रकार की साइबर ठगी का शिकार हुए फरीदाबाद के रहने वाले पीड़ित मनोज ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि आरोपियों ने इसी प्रकार उसके साथ 8.50 लाख रुपए की धोखाधड़ी की है जिसके पश्चात साइबर थाना में मुकदमा दर्ज करके मामले की जांच शुरू की गई।
पुलिस आयुक्त विकास कुमार अरोडा ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए आरोपियो को जल्द से जल्द पकडने के निर्देश जारी किये जिसके उपरांन्त पुलिस उपायुक्त मुख्यालय नितिश अग्रवाल के दिशा निर्देश तथा एसीपी क्राइम सुरेन्दर श्योराण की देखरेख में थाना साइबर प्रभारी इंस्पेक्टर बसंत के नेतृत्व में उप-निरीक्षक बाबूराम, सहायक उप-निरीक्षक धर्मेन्द्र व प्रमोद, महिला प्रधान सिपाही अन्जु, हवलदार देवेन्द्र , सिपाही कृष्ण गोपाल, कृष्ण, आजाद तथा राकेश की एक टीम का गठन किया जो उपरोक्त साइबर टीम ने साइबर तकनीकी का प्रयोग करके कडी मुशक्कत करते हुए उक्त आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की।
आरोपियों को अदालत में पेश करके पुलिस रिमांड पर लिया गया जिसमें पूछताछ के दौरान सामने आया कि इस गिरोह में आरोपी अशोक, शान तथा अमित मुख्य आरोपी हैं। वही आरोपी रविंद्र के बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए गए थे तथा आरोपी प्रदीप तथा तरुण अन्य आरोपियों के साथ मिलकर साइबर ठगी की वारदात को अंजाम देने के लिए एलआईसी अधिकारी बनकर लोगों को फोन करते थे। आरोपियों ने पूरे भारत में साइबर ठगी की 242 वारदातों को अंजाम देने बारे पुलिस को जानकारी दी जिसमें से 8 वारदातें हरियाणा की शामिल है। इस मामले में आरोपियों के कब्जे से वारदात में प्रयोग मोबाइल, सिम कार्ड, वॉकी टॉकी फोन तथा एक लाख रुपए बरामद किए गए हैं। आरोपियों को अदालत में पेश करके जेल भेज दिया गया है वहीं इस मामले में शामिल इनके दो अन्य साथियों की पुलिस द्वारा तलाश की जा रही है जिन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
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