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उप मुख्य्मंत्री को फरीदाबाद में किया गया गुमराह, फेरस के निवेशकों ने क्या कहा पढ़ें

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फरीदाबाद - सोमवार उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने  जिला परिवेदना एवं कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक में कई शिकायतों का निपटारा किया था लेकिन अब कुछ लोग एक शिकायत के निपटारे पर सवाल उठा रहे हैं। कई बार हुई ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में  प्रमुख मामला रहा फेरस मेगापोलिस सिटी सेक्टर-70 के बिल्डर और निवेशकों के बीच का मामला निपटाने में उप मुख्य्मंत्री को गुमराह किया गया। ऐसा फेरस के कई निवेशकों का कहना है। निवेशकों ने मीडिया को बताया कि सोमवार को उन्हें हुडा कन्वेंशन सेंटर सेक्टर-12 में प्रवेश करने की अनुमति ही नहीं  मिली और बाहर से ही वापस लौटा दिया गया। कुछ लोगों ने कहा कि उन्हें धक्के मारकर बाहर निकाल दिया गया जबकि पहले की बैठकों में ऐसा नहीं होता था। उन्हें अंदर जाने दिया जाता था। इन निवेशकों ने साइट पर जाकर प्रदर्शन भी किया जिनमे धर्मपाल, राजेश कत्याल, रणवीर सिंह, रविंदर ओबेराय, विनय  गौड़,ओपी शर्मा, मोहन सिंह शामिल थे। 

लगभग 9 -10 साल पहले फेरस मेगापोलिस सिटी सेक्टर-70 में  लाखों रूपये के प्लाट खरीदने वालों ने बताया कि सोमवार शाम उस समय हमारी नींद गायब हो गई जब हमने मीडिया में देखा कि  सत्यनारायण गर्गऔर  एडवोकेट एनके गर्ग ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में उप मुख्य्मंत्री दुष्यंत चौटाला का धन्यवाद कर रहे हैं और बोल रहे हैं कि  बिल्डर और प्लाट खरीदनें वालों में बात बन गई है और 90 प्रतिशत लोगों के करीब 250 करोड़ रुपये कंपनी द्वारा वापिस कर दिए गए हैं और  बाकी लोगों का भुगतान भी जल्द मिल जाएगा। निवेशकों ने कहा ये खबर सुन जहाँ हमारे होश उड़ गए तो वहीं अगले दिन फरीदाबाद के कुछ अखबारों में भी इसी तरह की खबरों ने हमारे कलेजे पर पत्थर रौंदने का काम किया। निवेशकों का कहना है कि  सत्यनारायण गर्ग, एडवोकेट एनके गर्ग ने उप मुख्य्मंत्री दुष्यंत चौटाला को पूरी तरह से गुमराह किया है।  निवेशकों ने इन दोनों व्यक्तियों पर आरोप भी लगाए और कहा कि बिल्डर ने इन्हे खरीद लिया है और ये उसी की भाषा बोलने लगे हैं तभी इन लोगों ने दुष्यंत चौटाला को भरी महफ़िल में गुमराह कर उनकी छबि धूमिल करने का प्रयास किया और हमारे पेट पर लात मारने का षड़यंत्र रचा है। 

आपको बता दें कि  यह मामला 18 सितंबर-2019 को पहली बार ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में आया था। परिवादी सत्यनारायण गर्ग, एडवोकेट एनके गर्ग ने शिकायत दी थी कि 102 एकड़ की परियोजना में फेरस मोगापोलिस सिटी के निदेशकों ने 400 से अधिक निवेशकों को धोखा दिया है। कुछ बंजर भूमि को छोड़ कर एक भी भूखंड और साइट पर अन्य कोई काम नहीं हुआ है। बिल्डर और निदेशकों के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज हैं। बाद में इस परिवाद पर 25-12-2019 और फिर 15-2-2020 को आयोजित बैठक में भी सुनवाई हुई थी। बाद में कोरोना के चलते एक साल तक बैठक ही नहीं हुई। पिछले बार जब  हुई बैठक में उपमुख्यमंत्री ने फिर से दोनों पक्षों की बात सुनी और अब तक हुई प्रगति बारे पूछा। एडवोकेट एनके गर्ग व सत्यनारायण गर्ग ने कहा कि बिल्डर न तो उनकी रकम लौटा रहे हैं और न ही उन्हें फ्लैट या वैकल्पिक स्थान पर उचित जमीन दी जा रही है। आरोपित बिल्डर सुरेंद्र सेठ ने अपनी ओर से सहयोग की बात कही, पर दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहे। इसके बाद  उपमुख्यमंत्री ने अतिरिक्त उपायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर हर 15 दिन में रिपोर्ट भेजने को कहा।

 सोमवार को हुई बैठक में सत्यनारायण गर्ग, एडवोकेट एनके गर्ग ने कहा कि बिल्डर और निवेशकों में सहमति  बन गई है और बिल्डर ने निवेशकों का बकाया पैसा दे  दिया है। इन लोगों ने दुष्यंत चौटाला का आभार भी जताया। जब ये खबर अन्य निवेशकों तक पहुँची तो उनके होश उड़ गए जिनका कहना है कि बिल्डर ने हमें कोई भुगतान नहीं किया है।  सत्यनारायण गर्ग, एडवोकेट एनके गर्ग ने उप मुख्य्मंत्री को गुमराह किया है। कई निवेशकों का कहना है कि  इस जगह पर प्लाट खरीदने के लिए हमने बैंक से लोन लिया और प्लाट खरीदा और अब भी हर महीने बैंक की क़िस्त भर रहे हैं। उम्मीद है कि न्याय मिलेगा और हमारा प्लाट हमारे पास होगा लेकिन अब तक हमारे साथ अन्याय ही होता आ रहा है। निवेशकों ने बताया कि कोर्ट में हम कोई वकील भी खड़े करते हैं तो बिल्डर उन वकीलों को लाखों रूपये देकर खरीद लेता है इसलिए हम सब अब तक न्याय के लिए धक्के खा रहे हैं। 

मालुम हो कि कि 2012 में फेरस ग्रुप  ने अख़बारों में विज्ञापन निकलवाया था जिसमे आईएमटी से लगती जमीन सेक्टर-70 में  लग्जरी सुविधाएं जैसे पार्क, स्कूल, अस्पताल, शापिंग कांप्लेक्स, स्वीमिंग पूल आदि जैसी चीजों का सपना दिखाकर निवेशकों को प्लाट बेच दिया था । लोगों से 85 फीसदी तक रकम की वसूली कर ली और इस दौरान वहां कुछ मजदूर लगा दिए कि सड़क सीवर का काम चल रहा है जल्द प्रोजेक्ट पूरा होगा। लोग पैसा जमा करते चले गए।  कई वर्षों तक मौके पर कोई ईमारत नहीं बनी। तब से  निवेशक खून के आंसूं रो रहे हैं। अब उनका कहना है कि 2012 से अब तक हम धक्के खा रहे हैं, हमें न्याय नहीं मिला। अब तक वो जमीन उसी हालत में है। निवेशक पूरी तरह से ठगों के चक्कर में  आकर अपनी जमा पूंजी गँवा चुके हैं। 

निवेशकों का कहना है कि बिल्डर का साथ कुछ सत्ताधारी दे रहे हैं और अब मौके पर बड़ा खेल चल रहा है।  फेरस मेगापोलिस सिटी का नाम बदल टाउन फिट 70 कर दिया गया है और कुछ लोग अब उन्ही प्लाटों  को दुबारा बेंच रहे हैं जो प्लाट पहले बिक चुके हैं। अब नए लोगों को ठगने का प्रयास किया जा रहा है। अब कहा का रहा है कि इसे यानि फेरस मेगापोलिस सिटी सेक्टर-70 को प्रमोद गुप्ता, कृष्णवीर  शर्मा, प्रवीण शर्मा, विभाष गुप्ता, सुरेंद्र कुमार गोयल. धर्मबीर जैन, मसवूद कमर ने खरीद लिया है और इन लोगों ने फेरस मेगापोलिस सिटी का नाम बदल टाउन फिट 70 कर लिया है और पहले बिके प्लाटों को दुबारा बेंच बड़ा खेल खेल रहे हैं और फिर से लोगों को लाखों का चूना लगाया जा रहा है। निवेशकों का कहना है कि फेरस टाउनशिप के सुरेंद्र सेठ, आशीष सेठ और अमित सेठ मिलकर एक बड़ा खेल खेल रहे हैं और अब इस खेल में इनके सिर पर शहर के कुछ सत्ताधारियों का हाथ है तभी प्रदेश के उप मुख्य्मंत्री दुष्यंत चौटाला को दिन दहाड़े गुमराह किया गया और उनकी तौहीन करवाई जा रही है। निवेशकों का कहना है कि इस खेल में बिल्डरों के साथ कई सम्बंधित अधिकारी मिले हुए हैं तभी उनके साथ इतना बड़ा अन्याय हो रहा है। निवेशकों ने कहा हमने कई वर्षों  से हर जगह धक्के खाये कहीं भी न्याय नहीं मिला।

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