फरीदाबाद - तीन महीने बाद नगर निगम चुनाव हो सकते हैं। शहर में अब निगम चुनाव के चर्चे जोरों पर हैं। इस बार निगम क्षेत्र में तमाम गांवों को शामिल किया गया है इसलिए कई और वार्ड बढ़ेंगे। फिलहाल 40 वार्ड हैं। इस बार मेयर का चुनाव डायरेक्ट होगा। भाजपा और कांग्रेस में मुकाबला होगा। आम आदमी पार्टी भी मैदान में होगी। बसपा भी तमाम वार्डों से अपने उम्मीदवार उतार सकती है और जजपा भी कुछ वार्डों पर चुनाव लड़ सकती है क्यू कि सरकार की सहयोगी पार्टी है। इनेलो भी मैदान में होगी लेकिन फरीदाबाद में इनेलो का ग्राफ पहले की तरह ही है इसलिए कोई खास फायदा नहीं मिलेगा।
संभव है कि इस बार कांग्रेस सिम्बल पर चुनाव लड़े और हरियाणा के दिग्गज कांग्रेसी इस पर विचार भी कर रहे हैं। निगम चुनावों से पहले पंचायत चुनाव होने हैं लेकिन किसी कारण वश ये चुनाव लगातार टाले जा रहे हैं कोर्ट का कोई खास मसला नहीं है मसला कुछ और है और समझदार समझ रहे हैं। कानाफूसी है कि किसान आंदोलन के कारण कई जिलों में सरकार घुसने नहीं पा रही है इसलिए पंचायत चुनाव टाले जा रहे हैं।
बात कर रहे हैं फरीदाबाद नगर निगम चुनावों की और इस बार कांग्रेस आक्रामक मूड में दिख रही है। कांग्रेस के सूत्रों की मानें तो इस बार कांग्रेस स्थानीय मुद्दों पर निगम चुनाव लड़ेगी। सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे प्रमुख मुद्दा होगा। सीवर का पानी सड़कों पर साल के 12 महीने दिखता है और नाले नालियों की सफाई के नाम पर मोटा पैसा डकारना भी एक मुद्दा होगा। कांग्रेस रिकार्डतोड़ मंहगाई को भी मुद्दा बना सकती है। रसोई गैस, डीजल, पेट्रोल के बढे दामों को भी कांग्रेस मुद्दा बना सकती है।
भाजपा की बात करें तो भाजपा राष्ट्रीय मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी। राम-राम , मोदी-मोदी कर चुनाव जीतने का प्रयास करेगी जैसे पिछले चुनाव में हुआ था। निगम चुनाव में मोदी-मोदी किया गया और भाजपा को सफलता भी मिली। इस बार भी भाजपा उसी राह पर चलेगी लेकिन राह अब आसान नहीं है। जनता को दो वक्त की रोटी, बच्चों को शिक्षा, बिजली, पानी सड़क चाहिए जिसे भाजपा देने में असमर्थ है , सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे, बिजली के कई कट प्रतिदिन, शिक्षा पूरी तरह से बाजारू, पूरे फरीदाबाद की जनता खरीदकर पानी पी रहे है। शहर की राजनीति के जानकारों का कहना है कि कांग्रेस ने सिम्बल पर चुनाव लड़ा तो भाजपा को पटकनी दे सकती है। मेयर चुनाव में किसी अच्छे कांग्रेसी नेता को टिकट मिला तो फरीदाबाद का अगला मेयर कांग्रेसी होगा। शहर के बुद्धिजीवियों का कहना है कि भाजपा ने मोदी और राम के नाम पर वोट मांगकर फरीदाबाद को नरक बना दिया है और शहर दो दशक पीछे चला गया है। तस्वीर यूपी बिहार के किसी गांव की नहीं स्मार्ट सिटी फरीदाबाद के एक मुख्य चौराहे की है।
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