चंडीगढ़ - हरियाणा में मंत्रिमंडल में फेरबदल फिलहाल रुक गया है लेकिन चर्चाएं हैं कि आने वाले समय में मंत्रिमंडल में विस्तार हो सकता है और दो या तीन मंत्रियों की कुर्सी भी जा सकती है जो इस समय ठीक से काम नहीं कर रहे हैं और जिनकी कुर्सी जाने का ख़तरा है इसकी भनक उन्हें लग गई है और वो अपने आकाओं के यहाँ डेरा जमाये बैठे हैं। फिलहाल मुख्य्मंत्री मनोहर लाल कोई रिस्क नहीं लेना चाहते इसलिए जल्दबाजी में कोई फेरबदल नहीं होगा। यूपी विधानसभा चुनावों का भी ख़याल रखा जा रहा है ताकि विपक्ष चुनावों से पहले भाजपा सरकार पर उंगली न उठा सके जैसे उत्तराखंड में सीएम के फेरबदल के बाद उंगली उठ रही है।
हरियाणा में दो केंद्रीय मंत्री भी अपने चहेतो को मंत्री बनाने के लिए प्रयासरत बताये जा रहे हैं साथ में कुछ निर्दलीय विधायक भी मंत्री बनने का सपना देख रहे हैं क्यू कि कुछ माह पूर्व अविश्वाश प्रस्ताव के दौरान सभी निर्दलीय विधायकों ने सरकार का साथ दिया था और सभी को उम्मीद थी कि सरकार उन्हें कोई बड़ा पद देगी। अब अगर मंत्रिमंडल में फेरबदल होता है और उस फेरबदल या विस्तार से कोई विधायक नाराज होता है या कई निर्दलीय विधायक नाराज होते होते हैं तो सरकार के लिए अच्छा नहीं होगा क्यू कि सहयोगी जजपा भी अपने किसी विधायक को मंत्री बनाना चाहती है। सीएम जजपा को भी नाराज नहीं करना चाहते हैं इसलिए हर कदम फूंक-फूंक कर रख रहे हैं।
हाल में सीएम मनोहर लाल दिल्ली में थे और तीन दिनों के अंदर उन्होंने गृह मंत्री सहित संघ के कई बड़े नेताओं से बात की। जिसके बाद ख़बरें आईं कि फिलहाल मंत्रिमंडल में फेरबदल या विस्तार नहीं होगा। सूत्रों की मानें तो एक केंद्रीय मंत्री के करीबी की कुर्सी भी खतरे में है और कहा जा रहा है कि मंत्री जी को जब इस बात का पता चला तब उन्होंने अपने अन्य करीबी विधायक को मंत्री बनवाने का प्रयास शुरू कर दिया। सीएम मनोहर लाल किसी केंद्रीय मंत्री को भी नाराज नहीं करना चाहते इसलिए उन्होंने दिल्ली का दौरा किया और भाजपा हाईकमान को सभी तरह की जानकारियां दीं। खिचड़ी चूल्हे पर चढ़ चुकी है। देखते हैं कब पकती है। वैसे हरियाणा के लगभग आधा दर्जन विधायक अब भी दिल्ली में हैं और आज का डिनर कोई किसी केंद्रीय मंत्री के साथ करेगा तो कोई संघ के नेताओं के साथ।
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