फरीदाबाद। टीम पंडितजी की तरफ से आयोजित रामकथा में भरत मिलाप का वर्णन करते हुए श्री राम चरित मानस कथा के प्रसंग में कथावाचक श्री हरिमोहन गोस्वामी जी ने कहा कि भगवान श्रीराम ही हैं, जो हमें जीवन जीने की शिक्षा देते हैं। यदि वर्तमान में हर राजनेता भगवान श्रीराम का आश्रय ले लें, तो यह पावन भूमि सही अर्थों में रामभूमि बन जाएगी। जिस तन्मयता के साथ विधायक पंडित नीरज शर्मा जी ने रामकथा का आयोजन किया और स्वयं ही व्यासपीठ पर विराजमान रहे, वह अपने आप में प्रेरणादायक है। कथावाचक श्री हरिमोहन गोस्वामी जी ने कहा कि जब भगवान श्रीराम आप का ध्यान रखेंगे, जो हर समस्या का स्वतः समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जी ने सुंदरकांड मंे रामकाज को आतुर हनुमान की व्याख्या की है। अधिकतर राक्षसों का दलन इस कांड में ही हुआ है। सुंदरकांड के माध्यम से हम सबको यह संदेश मिलता है कि जीवन में हर काम विचार करके करना चाहिए। विचार करने के बाद जो भी कार्य किया जाए, उसकी सफलता की पूरी गांरटी होती है।
सेक्टर 52 के दशहरा मैदान मंे आयोजित इस रामकथा में एनआईटी के विधायक व कथावाचक पंडित श्री नीरज शर्मा जी ने कहा कि भाई का काम विपत्ति बांटना है, संपत्ति बांटना नहीं है। रामचरित मानस में सुंदर कांड में जिस प्रकार से श्रीराम भक्त हनुमान ने तमाम बाधाओं को पार करते हुए लंका में प्रवेश किया और लंकिनी के उनके संवाद को समझने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि किस तरह भक्त हनुमान ने अपने मार्ग में आई सभी बाधाओं को दूर करते हुए माता सीता की खोज की। जो भी सच्चे मन से पवन पुत्र हनुमान के अराध्य श्रीराम का सुमिरण करता है उसके सभी कष्ट दूर हो जाते है। मीनाक पर्वत, राक्षसी सुरसा व विभीषण के प्रसंग सुनाकर श्रद्धालुओं को भाव-विभोर किया। कथावाचक पंडित नीरज शर्मा ने कहा कि सुंदरकांड ऐसा है कि मैं ही सवा घंटा बोल गया। असल में, यह कांड है ही इतना सुंदर जितना इसकी व्याख्या की जाए, वह कम है।
कथा के दौरान समाज के अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रहे गणमान्य लोगों का आगमन हुआ। समय-समय पर उनका व्यासपीठ और टीम पंडित जी के द्वारा सम्मानित किया गया।
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