नई दिल्ली - लगभग ढाई महीने पहले बिकरू काण्ड ने कानपुर में ही नहीं पूरे देश में चर्चा का विषय बना था और अब भी उस मामले के बचे आरोपियों की गिरफ्तारी जारी है। बिकरू गांव में दो जुलाई की रात को हुई आठ पुलिस कर्मियों की हत्या की गई थी जिसके कुछ दिन बाद ही मुख्य आरोपी विकास दूबे पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था। अब गांव में चर्चे है कि गांव में विकास दूबे भूत बनकर घूमता है और शाम होते ही गांव में सन्नाटा फ़ैल जाता है। ग्रामीण बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ सूरज डूबते ही गांव के लोग अपना दरवाजा बंद कर लेते हैं।
स्थानीय लोगों ने दबी जुबान में दावा किया कि उन्होंने अक्सर विकास दुबे को उसके घर के खंडहर में बैठा देखा है. दो-तीन जुलाई की रात को बिकरू हत्याकांड के बाद विकास दुबे के घर को सरकार ने तोड़ दिया था। एक बुजुर्ग ने दावा किया कि हमने उसे वहां बैठे और मुस्कुराते हुए देखा है। यह कुछ ऐसा है जैसे वह हमें कुछ बताने की कोशिश कर रहा है। हमें यकीन है कि वह अपनी मौत का बदला लेगा। गांव के लोगों का कहना है कि हमने अब भी वहाँ गोलियों की आवाज सुनी और खड़हर से अजीब आवाजें आतीं हैं जैसे वहाँ कुछ लोग बैठे हों। हंसी मजाक करते हैं और वैसे ही होता है जैसे उस समय होता था जब विकास जिन्दा था।
गांव में अब भी पुलिसकर्मी तैनात हैं जिन्होंने ऐसे किसी बात से इंकार किया। पुलिसकर्मियों का कहना है कि हमें यहाँ ड्यूटी करने में कोई परेशानी नहीं है। कोई आत्मा नहीं दिखती। गांव के लोग वैसे ही बेवजह डरे हुए हैं। स्थानीय मंदिर के पुजारी का कहना है कि यहाँ ऐसा अकाल मौतों की वजह से हो रहा है। जहाँ अकाल मौतें होती हैं वहां ऐसे ही होता है। विकास दूबे का ठीक से अंतिम संस्कार नहीं किया गया। उसके पांच साथी मुठभेड़ में मारे गए।
ग्रामीण चाहते हैं कि गांव में पूजा पाठ कराया जाए लेकिन पुजारी डर रहा है जिसका कहना है कि मैं बेवजह पुलिस के रडार पर नहीं आना चाहता । गांव के लोग नवरात्रि में गांव में पूजा कराने का प्रयास कर रहे है।
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