नई दिल्ली- महाराष्ट्र सरकार काफी समय से घिर रही है। कई महीने पहले पालघर में हुई तीन साधुओं की हत्या के बाद शुरू हुआ ये सिलसिला रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था। साधुओं की हत्या के आरोपियों को तीन महीने में ही जमानत मिल गई थी जिसके बाद लोग महाराष्ट्र सरकार और पुलिस पर सवाल उठा ही रहे थे कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत केस में जो हुआ उससे भी महाराष्ट्र सरकार पर सवाल उठने लगे। जांच के लिए गए बिहार के बड़े पुलिस अधिकारियों के संग अच्छा व्योहार नहीं किया गया। बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने भी महाराष्ट्र सरकार पर सवाल उठाये। उसके बाद मामले की जांच सीबीआई करने लगी और ड्रग्स कनेक्शन सामने आ गया। कई ड्रग्स पेडलर्स और सुशांत केस की मुख्य आरोपी रिया चक्रवर्ती भी जेल पहुँच गईं। यही नहीं बांद्रा पुलिस स्टेशन में रिया ने फटाफट सुशांत की बहन के खिलाफ जो FIR दर्ज करवा दिया उससे भी पुलिस और महाराष्ट्र सरकार की जमकर खिंचाई हुई थी। बांद्रा पुलिस स्टेशन को रिया का दूसरा घर बताया गया।
उसके बाद अभिनेत्री कंगना रनौत केस में भी महाराष्ट्र सरकार की फजीहत हुई और इसी दौरान नेवी के पूर्व अधिकारी की शिव सेना के नेताओं ने पिटाई कर दी। सभी आरोपियों को फ़टाफ़ट जमानत भी मिल गई जिसके बाद उद्धव सरकार घिर ही रही है। सरकार अपना बचाव अपने मुख्य पत्र सामना में कोई लेख निकालकर करती है। उधर कल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नेवी के पूर्व अधिकारी मदन शर्मा से बात की और कहा पूर्व सैनकों पर जुल्म बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब आरपीआई भी उद्धव सरकार को घेर रही है।
आज आरपीआई नेता एवं केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी मदन शर्मा से मिलने उनके घर पहुंचे। अठावले ने कहा कि अभी कंगना रनौत को भी ड्रग के केस में फंसाने की कोशिश हो रही है, राज्य सरकार ने जांच करने के आदेश दिए हैं। जिस तरह कंगना रनौत को वाय प्लस सुरक्षा दी गई, उसी तरह की सुरक्षा मदन शर्मा को भी मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मदन शर्मा जी पर इतना हमला हुआ, हत्या के प्रयास का केस लगना चाहिए था लेकिन सरकार इनकी है इसलिए पुलिस पर दबाव लाकर मुकदमा लगाया। नौसेना के अधिकारी पर इस तरह हमला करना अच्छी बात नहीं है, उन्हें पुलिस में जाना चाहिए था। लेकिन इस तरह गुंडागर्दी करना शिवसेना की आदत है।
उधर पूर्व नेवी अधिकारी मदन शर्मा ने कहा कि मैं देख रहा हूं कि बॉम्बे में किस तरह का प्रशासन चल रहा है, इसको देख कर सिर्फ बंबई के लोग नहीं पूरे महाराष्ट्र और भारत के लोग परेशान हैं। मैं आग्रह करूंगा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को कि अगर आपकी सरकार संविधान नहीं चला सकती है तो आप इस्तीफा दे दें।
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