नई दिल्ली- मार्च के अंतिम हफ्ते में देश में कोरोना ने कहा मचाना शुरू किया था जिसके बाद प्रवासी मजदूरों की भगदड़ मच गई थी। जिन मजदूरों के घर शहरों में हैं वो तो धीरे-धीरे वापस आने लगे हैं लेकिन जो किराए पर रहकर किसी शहर में मजदूरी या उद्योगों में काम करते थे वो अब अपने राज्य में ही रोजगार की तलाश कर रहे हैं। काफी मजदूर मनरेगा के तहत काम करने लगे हैं तो काफी मजदूरों ने अपने गांव के आस पास की कोई दुकान खोल ली है और किसी तरह अपना पेट पालने लगे हैं। वापसी के लिए तैयार नहीं हैं।
अब उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्य्मंत्री मायावती ने केंद्र सरकार से अपील की है कि ऐसे श्रमिकों को अवसर प्रदान किया जाये। उन्होंने लिखा है कि आँकड़े फिर गवाह हैं कि देश के करोड़ों श्रमिक संघषशील जीवन व मेहनत की रोटी खाने की परम्परा पर लगातार डटे हैं व खासकर यूपी व बिहार में घर लौटे प्रवासी श्रमिक मनरेगा के तहत श्रम करके परिवार का पेट जैसे-तैसे पाल रहे हैं। अतः केन्द्र व राज्य सरकारें उन्हें उचित अवसर जरूर प्रदान करें।
आँकड़े फिर गवाह हैं कि देश के करोड़ों श्रमिक संघषशील जीवन व मेहनत की रोटी खाने की परम्परा पर लगातार डटे हैं व खासकर यूपी व बिहार में घर लौटे प्रवासी श्रमिक मनरेगा के तहत श्रम करके परिवार का पेट जैसे-तैसे पाल रहे हैं। अतः केन्द्र व राज्य सरकारें उन्हें उचित अवसर जरूर प्रदान करें।— Mayawati (@Mayawati) September 13, 2020
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