नई दिल्ली- कांग्रेस में इन दिनों कई तरह की हलचलें हैं। कहा जा रहा है कि हाल में जिन नेताओं ने एक चिट्ठी लिखी थी वो नेता अब भी खुश नहीं हैं और वो कांग्रेस में बदलाव चाहते हैं लेकिन किसी कारण या मानसून सत्र को लेकर वो खामोश हैं। हाल में कांग्रेस में जो बदलाव हुआ उसमे राहुल गांधी के करीबियों को अहमियत मिली। कहा जा रहा है कि कांग्रेस में बड़ा फेरबदल संभव है और मानसून सत्र के बाद ऐसा होगा। कहा ये भी जा रहा है कि कांग्रेस किसी नए चेहरे को मौका देगी और कांग्रेस को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलेगा। इस दौड़ में कई नेता हैं लेकिन हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी सैलजा का नाम फिलहाल इस दौड़ में सबसे आगे चल रहा बताया जा रहा है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा का नाम संभावितों की सूची में आने से साफ है कि पार्टी नए अध्यक्ष के चयन में सामाजिक समीकरणों से जुड़ी सियासत पर भी गंभीरता से गौर कर रही है। UPA सरकार में कैबिनेट मंत्री रहीं सैलजा की गैर विवादित छवि और मृदुभाषी स्वभाव के साथ गांधी परिवार से निकटता उनकी खास राजनीतिक पूंजी है और अभी तक उनके राजनीतिक कैरियर पर कोई उंगली नहीं उठा सका है। कहा जा रहा है कि दीपेंद्र हुड्डा हो हरियाणा कांग्रेस की कमान मिल सकती है और सैलजा को केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
बता दें कि 135 साल पुरानी पार्टी के प्रदर्शन में लंबे समय से लगातार जारी गिरावट पर चिंता जताते हुए कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मुकुल वासनिक, जितिन प्रसाद, शशि थरूर और मनीष तिवारी समेत कई नेताओं ने कांग्रेस नेतृत्व को स्वहस्ताक्षरित पत्र लिखा था। उन्होंने पार्टी को इस पर आत्मनिरीक्षण करने की सलाह दी थी। इसके बाद शनिवार को कांग्रेस की महत्वपूर्ण मीटिंग हुई। पत्र लिखने वाले 23 में से 18 कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने इस मीटिंग में हिस्सा लिया। बताय जा रहा है कि नाराज बड़े कांग्रेसी नेताओं को दरकिनार करने से कांग्रेस का ही नुक्सान होगा इसलिए फिर सोंच विचार किया जा सकता है। ऐसे में अध्यक्ष पद गांधी परिवार के अलांवा किसी और को सौंपा जा सकता है जिसमे कुमारी सैलजा का नाम प्रमुखता से चल रहा है।
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