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300 व 500 वॉट के घरेलू इंवर्टर चार्जिंग सिस्टम  में 6  व 10 हजार रुपये का अनुदान 

Ranjeet-Singh-Chautala
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चंडीगढ़, 6 सितंबर- हरियाणा के विद्युत तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री  रणजीत सिंह ने कहा कि तेजी से बढ़ते आधुनिकीकरण के चलते जहां ऊर्जा के परम्परागत स्रोतों का तेजी से क्षरण हो रहा है , वहीं इनका अत्यधिक दोहन पर्यावरण के लिहाज से भी मुफीद नहीं है। इसलिए परम्परागत ऊर्जा के विकल्प तलाशना और उन्हें बढ़ावा देना आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है। सरकार का प्रयास है कि लोग ऊर्जा के परम्परागत स्रोतों को छोडक़र ऐसे विकल्प अपनाएं जो न केवल कम खर्चीले हों बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान न पहुंचाएं।

        आज यहां जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि ऐसे में सौर ऊर्जा एक कारगर विकल्प के तौर पर उभरकर सामने आई है। इससे पैसे की बचत तो होती ही है, साथ ही बिजली की बचत भी होती है। इसके अलावा, सबसे बड़ी बात यह है कि सौर ऊर्जा से हमारे पर्यावरण को भी कोई हानि नहीं होती। सौर ऊर्जा को भविष्य की बिजली भी कहा जाता है, क्योंकि सौर ऊर्जा के माध्यम से नागरिक अपनी जरूरत के मुताबिक घर में ही बिजली पैदा कर सकते हैं। छोटी-छोटी ढाणियों व खेतों में सौर ऊर्जा बेहद कारगर साबित हो रही है। राज्य सरकार द्वारा भी सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाएं क्रियान्वित की गई हैं जिनके तहत आमजन को सौर ऊर्जा के उपकरणों पर विशेष सब्सिडी भी प्रदान की जाती है।           

        रणजीत सिंह ने बताया कि नवीन एवं नवीनकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा मनोहर ज्योति योजना के तहत बिजली रहित ढाणी में रहने वाले परिवारों अथवा महिला मुखिया वाले ग्रामीण परिवारों, स्कूल जाने वाली अनसूचित जाति से संबंधित छात्राओं, बीपीएल परिवारों, पीएमएवाई (ग्रामीण) के लाभार्थियों तथा अन्य ग्रामीण परिवारों को अनुदान पर सौर उपकरण उपलब्ध करवाए जाते हैं । इस योजना के तहत 150 वॉट का सौर मॉड्यूल, 80 एएचएच /12वॉट की लीथियम बैटरी, एक सीलिंग फैन, तीन एलईडी लाइटें तथा अन्य संबंधित सामान दिया जाता है। इनकी कुल कीमत 22 हजार 500 रुपये है जबकि अनुदान के पश्चात ये सिर्फ 7 हजार 500 रुपये में प्रदान किए जाते हैं ।

        उन्होंने बताया कि 300 वॉट व 500 वॉट के घरेलू इंवर्टर चार्जिंग सिस्टम व संबंधित उपकरणों पर क्रमश 6 हजार रुपये व 10 हजार रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। इसमें लाभार्थी के पास अपना इंवर्टर एवं बैटरी होनी चाहिए। खेतों में सौर ऊर्जा से चलने वाला सिंचाई पंप आज किसानों के लिए बेहद कारगर साबित हो रहा है। इसमें 3 एचपी, 5 एचपी, 7.5 एचपी और 10 एचपी तक सौर पंप उपलब्ध हैं। इन पंपों पर सरकार की ओर से 75 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत अनुदान का लाभ उन किसानों को दिया जाता है जो  अपने खेत में स्प्रिंकलर सैट (फव्वारा सिस्टम), ड्रिप सिस्टम (टपका सिंचाई) अथवा भूमिगत पाइप लाइन का उपयोग करते हों।

        विद्युत तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री रणजीत सिंह ने बताया कि प्रदेश में घरेलू, संस्थानिक एवं वाणिज्य भवनों के बिजली बिलों में कमी लाने के लिए ग्रिड आधारित रूफ टॉप पावर प्लांट काफी संख्या में लगाए जा रहे हैं। इससे बिजली बचत के साथ-साथ उनके बिजली बिलों में काफी कमी आएगी। इसके तहत एक से 10 केडब्ल्यू के घरेलू पावर प्लांट पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है।

        उन्होंने बताया कि इन सभी योजनाओं के लिए इच्छुक आवेदक सरल हरियाणा पोर्टल पर किसी भी अटल सेवा केंद्र के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदक किसी भी फ्रॉड वेबसाइट पर आवेदन न करें और किसी भी व्यक्ति को पैसे न दें। सौर ऊर्जा योजनाओं का लाभ उठाने के लिए नागरिक अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय में ही संपर्क करें।
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