Faridabad Assembly

Palwal Assembly

Faridabad Info

दिल्ली पुलिस से दूसरी चूक, कोरोना के बाद कहीं हिंसा न फैला दे मौलाना साद 

Maulana-Saad-Delhi-News
हमें ख़बरें Email: psrajput75@gmail. WhatsApp: 9810788060 पर भेजें (Pushpendra Singh Rajput)

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस लगातार गलतियां करती जा रही है। पहली गलती शाहीन बाग़ मामले में हुई जिस कारण दिल्ली में दंगे हुए और 53 लोगों की जान चली गई। दूसरी गलती निजामुद्दीन में हुई और आज वहाँ के जमातियों ने देश के कई राज्यों में कोरोना फैला दिया। शाहीन बाग़ की सड़क पहले ही दिन खाली करवा ली जाती तो शायद ही दिल्ली में दंगा होता। दिल्ली में तबलीगी जमात का आयोजन न हुआ होता और जमात के लोग पूरे देश में न पहुंचे होते तो भारत अब तक कोरोना से विजय के करीब होता। कहीं न कहीं दिल्ली पुलिस से बड़ी चूकें हो रहीं हैं। जमात का आयोजक मुहम्मद साद फरार है। उसके चाहते वाले पूरे देश में फैले हुए हैं और उसके चाहते वाले मीडिया और सरकार को धमकी देते उसी तरह से दिख रहे हैं जैसे किसी समय में हरियाणा में राम रहीम के भक्त देते थे। राम रहीम के अंधभक्तों के कारण पंचकूला काण्ड हुआ था अब कहीं साद के समर्थक वो कहानी न दोहरा दें। 

सूत्रों की मानें तो साद का साथ कई कट्टरपंथी और आतंकी संगठन दे सके हैं और पुलिस से अब कोई चूक हुई तो साद देश को हिंसा के हवाले झोंक सकता है। उसका साथ वही देते दिख रहे हैं जो शाहीन बाग़ का साथ देते दिख रहे थे। सूत्रों की मानें तो दिल्ली  पुलिस के एक्शन लेने में हुई देरी के कारण साद को छिपने का पर्याप्त मौका मिल गया। पुलिस ने जब उसे नोटिस देते हुए 26 सवालों के जवाब चाहे, उसने खुद के क्वारंटीन में होने का बहाना बनाते हुए उसके बाद ही जवाब देने की बात कही। उसके समर्थक सोशल मीडिया पर तरह-तरह की अफवाह उड़ा उसे बचाने का प्रयास कर रहे हैं। हाल में कहा गया कि साद ने कोरोना रिलीफ फंड में एक करोड़ रूपये दिए हैं। उसे दानदाता साबित करने का प्रयास किया गया। 

हो सकता है कि वो छुपकर कोई साजिश रच रहा हो और गिरफ्तारी के समय उसके समर्थक कोई बवाल न कर दें। दिल्ली पुलिस से अगर तीसरी चूक हुई तो माहौल और खराब हो सकता है। साद जिद्दी है। करोड़ों समर्थक बताये जाते हैं और टाइम्स आफ इंडिया की एक रिपोर्ट की बात करें तो मौलाना साद ने उन मुस्लिम धर्मगुरुओं की भी बात नहीं मानी, जिन्होंने उसे निजामुद्दीन क्षेत्र में 13-15 मार्च के बीच धार्मिक जलसा न करने की सलाह दी थी। साद की जिद और 3400 जमातियों की ऐच्छिक भागीदारी के कारण आज आम लोगों की जान पर बन आई है।  देश के जेहादियों, वामपंथियों, अर्बन नक्सलियों, टुकड़े गैंग, आवार्ड वापसी गैंग, खान मार्केट गैंग जैसे तमाम तथाकथित गैंग के लोग अब भी साद का साथ देते दिख रहे हैं। साद की घनी आबादी वाली बस्ती में छिपा हो सकता है। हो सकता है कि किसी और नंबर का फोन इस्तेमाल कर कुछ कट्टरपंथी संगठनों से बात कर रहा हो अपने लिए समर्थन जुटा रहा हो। दिल्ली पुलिस को सख्त और सावधान भी रहने की जरूरत है। 

फेसबुक, WhatsApp, ट्विटर पर शेयर करें

India News

Post A Comment:

0 comments: