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कोरोना वायरस के नाम पर हो रही है धोखाधड़ी, पढ़ें और सावधान रहें  

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हर्षित सैनी- रोहतक, 12 अप्रैल। कोरोना वायरस के नाम से साइबर अपराधियो द्वारा अलग-2 तरीकें से धोखाधड़ी की जा रही है। लोगो को कोरोना वायरस का डर दिखाकर या किसी अन्य तरीकें से धोखाधडी करके रुपये हड़पे जा रहा है। साइबर अपराधियों द्वारा आजकल निम्न प्रकार के तरीको से धोखाधड़ीकी जी रहा है।

टेलीफोन धोखाधड़ी

धोखेबाज व्यक्ति पीड़ित व्यक्ति को अस्पताल के अधिकारी बनकर फोन करते हैं तथा दावा करते हैं कि उनका एक रिश्तेदार कोरोना वायरस से पीड़ित हो गया है तथा उनके अस्पताल में भर्ती है। धोखेबाज व्यक्ति पीड़ित व्यक्ति को उनके रिश्तेदार के चिकित्सा उपचार के लिए भुगतान करने का अनुरोध करते है। पीड़ित व्यक्ति धोखेबाज व्यक्ति के जाल में फंसकर भुगतान कर देते हैं। 
फ़िशिंग
धोखेबाज व्यक्ति पीड़ित व्यक्ति को राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के अधिकारी बनकर कोरोना महामारी के संदर्भ में ई-मेल के द्वारा या अन्य साधनों से एक लिंक भेजते हैं। जो लिंक को खोलने पर पीड़ित व्यक्ति द्वारा उसकी व्यक्तिगत व बैंक से संबंधित जानकारी देनी होती है। जानकारी देने पर धोखेबाज व्यक्ति द्वारा पीड़ित व्यक्ति के बैंक खातों से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर धोखाधड़ी की जाती है। 
मैलवेयर
धोखेबाज व्यक्तियो द्वारा एक प्रख्यात विश्वविद्यालय के नाम से कोरोना महामारी के संदर्भ में नवीनतम जानकारी हासिल करने के लिए एक वेबसाईट बनाई गई जबकि वास्तव में यह एक मैलवेयर है। वेबसाईट पर जाने पर आपका सिस्टम हैंक हो जाता है तथा आपके सिस्टम की सारी जानकारी धोखेबाज व्यक्ति हासिल कर सकता है। जानकारी हासिल करने के बाद धोखेबाज व्यक्ति कई तरीकों से धोखाधड़ी कर सकते हैं। 
मेलिशियश मोबाइल एप्लिकेशन
एक प्रख्यात विश्वविद्यालय द्वारा “कोरोना लाइव” के नाम से एक एंड्राइड ऐप बनाई गई है, जो कोरोना महामारी के संदर्भ में जानकारी उपलब्ध कराती है। धोखेबाजों द्वारा “कोरोना लाइव 1.1” नाम से एक मेलिशियश एड्राइड एप्लिकेशन बनाई गई है। इस ऐप की सहायता से धोखेबाज व्यक्ति आपके मोबाइल में उपलब्ध सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। निजी व बैंक संबंधी जानकारी हासिल कर धोखेबाज व्यक्ति आपकों कई तरीकों से क्षति पहुंचा सकते हैं।
फेक एडवाइजरी
आजकल कोरोना महामारी के संदर्भ में यूनिसेफ संस्था का मैसेज व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर व्यापक रूप से प्रसारित हो रहा है। यह वायरल मैसेज नकली है। यूनिसेफ संस्थान द्वारा कोरोना महामारी के संदर्भ में इस प्रकार की कोई एडवाइजरी जारी नही की गई है। 
कोरोना रिलिफ फंड
धोखाबाजों द्वारा कोराना महामारी के लिए एक फर्जी रिलिफ फंड भी बनाया गया है। इसके अलावा धोखाबाजों द्वारा पीएम/सीएम रिलिफ फंड के नाम पर भी धोखाधड़ी की जा रही है। धोखेबाजों से बचे तथा सरकारी व सत्यापित रिलिफ फंड में ही पैसे डोनेट करें।  
              रोहतक पुलिस की नागरिको से अपील है कि कोरोना महामारी के संदर्भ में प्राप्त होने वाले किसी भी प्रकार के मैसेज की पहले अच्छे तरीके से जांच करे ले। किसी भी अंजान व्यक्ति द्वारा ई-मेल, मैसेज या अन्य साधनों से भेजे गए लिंक को खोलने से बचे। किसी भी अंजान ऐप को अपने सिस्टम में इंस्टाल न करे। किसी भी अंजान वेब साईट को अपने सिस्टम में न खोलें। केवल सरकारी या सत्यापित मोबाईल ऐप, वेब साईट, लिंक आदि का ही प्रयोग करें। धोखेबाजों से सतर्क रहें, सुरक्षित रहें। किसी भी प्रकार की पुलिस सहायता के लिए अपने नजदीकी थाना/चौकी में तुरंत संपर्क करें।
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