नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो में महिलाओं के लिए फ्री यात्रा का कल दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल ने एलान किया। आम आदमी पार्टी के नेता इसे बहुत अच्छा कदम बता रहे हैं। दिल्ली भाजपा का कहना है कि जब मेट्रो का किराया बढ़ा तो केजरीवाल की स्वीकृति से बढ़ा और अब जब छह महिने बाद चुनाव हैं तो केजरीवाल ये एक नया खोखला वादा कर रहे हैं सिर्फ अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए। केजरीवाल सिर्फ एक घोषणा मंत्री हैं। भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी का कहना है कि 52 महिनों में सीसीटीवी, वाईफाई , महिला सुरक्षा के लिए बसों में पैनिक बटन, बसों में मार्शल और नई बसें तो उपल्बध नहीं करा पाये बल्कि पुरानी बसों को भी दिल्ली की सड़कों से नदारद कर दिया। मुख्यमंत्री केजरीवाल का ये नया सगुफा अब काम नहीं आएगा।
दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने फेसबुक पर लिखा है कि फ्री मेट्रो मतलब मेट्रो की बर्बादी का सबसे फ़ास्ट और आसान रास्ता, फ्री मेट्रो मतलब आना फ्री, जाना फ़्री और बस एकदम फ्री ...
जब मर्जी मेट्रो में घुस जाओ और जब मर्जी बाहर निकलो, या मत भी निकलो
गर्मी से, बारिश से, ठंड से बचने का मन हो - चलो मेट्रो फ्री हैं
कुछ भी करने को नही हैं तो चलो मेट्रो फ्री हैं
फ्री तो बस भी हैं लेकिन बस में क्यों जाना जब मेट्रो फ्री हैं
जरा सोचिए फ़्री मेट्रो कितनी जल्दी और कितनी तेजी से मेट्रो को बर्बाद करेगी
जिसको कुछ नहीं करना वो अब सुबह छह से रात ग्यारह बजे तक मेट्रो में घूम सकते हैं, रह सकते हैं, दिनभर मेट्रो में बस सकते हैं
फ्री एसी, फ्री स्पेस, फ्री ट्रेवल, फ्री फ्री फ्री
अगर आप आज जितनी महिलाएं मेट्रो में सफर करती हैं उंस हिसाब से अंदाजा लगाना चाहते हैं, बजट बनाना चाहते है तो आप किसी गलतफहमी में हैं
फ्री का मतलब क्या होता हैं शायद आपको समझ नहीं आया
फ्री करने का असर क्या होता हैं शायद आप जानना नहीं चाहते
आज जो भी महिलाएं पैसे देकर मेट्रो में जाती हैं, मेट्रो के फ्री होते ही उन्हें मेट्रो छोड़कर कोई और ट्रांसपोर्ट इस्तेमाल करना पड़ेगा क्योंकि फ्री मेट्रो में जो तमाशा होगा उसे झेलना किसी भी कामकाजी महिला के बस का नहीं होगा
तैयार हो जाइये - मेट्रो की बर्बादी के गवाह बनने के लिए
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