चंडीगढ़: हरियाणा भाजपा कुलदीप बिश्नोई को अब उतना भाव नहीं दे रही है जिसके कई कारण हैं और पहला कारण ये है कि हरियाणा में भाजपा अब अपना कद बढ़ा चुकी है जबकि कुलदीप बिश्नोई हाल में कांग्रेस की परिवर्तन बस यात्रा में न शामिल होकर कांग्रेस में भी अपना कद घटा चुके हैं। कुलदीप सिर्फ राहुल गांधी के साथ दिखे थे जिस दिन राहुल गांधी ने यात्रा में भाग लिया था। सूत्रों की मानें तो कुलदीप बिश्नोई ने कई बड़े भाजपा नेताओं के साथ गुफ्तगू की थी लेकिन हरियाणा के भाजपा नेता उन्हें भाव नहीं दे रहे हैं। प्रदेश के भाजपा नेताओं को पता है कि कुलदीप बिश्नोई अगर भाजपा में शामिल हुए तो चौधरी बनाना चाहेंगे। बड़े नेता अब खुद को चौधरी मानने लगे हैं इसलिए कोई दलबदलू चौधरी उन्हें बर्दाश्त नहीं।
हाल में ख़बरें आईं थीं कि कुलदीप जल्द भाजपा में शामिल हो सकते हैं लेकिन कुलदीप बिश्नोई ने खंडन किया कि उनकी किसी भाजपा नेता से कोई बात नहीं हुई। कांग्रेस संभवतः 11 अप्रैल को हरियाणा लोकसभा उम्मीदवारों के नामों का एलान करेगी और संभव है कुलदीप या उनके पुत्र को हिसार से टिकट मिल जाए।
हिसार की बात करें तो हरियाणा भाजपा नेताओं ने आलाकमान को यह तर्क दिया है कि अगर गैर-जाट को ही हिसार से चुनाव लड़वाया जाना है, तो कुलदीप की बजाय रणबीर गंगवा अधिक मजबूत उम्मीदवार साबित होंगे। यह भी कहा गया है कि हिसार नगर निगम के चुनावों में बिश्नोई और जिंदल परिवार द्वारा की गई भागीदारी से जाति विशेष के लोगों में नाराजगी है।
यही नहीं, प्रदेश इकाई के नेताओं ने दिल्ली दरबार में यह भी कहा है कि भाजपा उम्मीदवार के तौर पर गंगवा को तो जाटों के वोट मिल भी सकते हैं, लेकिन कुलदीप को नहीं। बहरहाल, इन बदले हुए हालात में कुलदीप की भाजपा में एंट्री की कम ही संभावना नजर आ रही है। हालांकि, बातचीत पूरी तरह बंद नहीं हुई है।
सूत्रों का कहना है कि हिसार के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की पहली पसंद पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला हैं। बराला का नाम पिछले सप्ताहभर से इसीलिए सुर्खियों में भी आया है। अगर बराला की बात नहीं बनती, तो सीएम फिर केंद्रीय मंत्री चौ़ बीरेंद्र सिंह के आईएएस बेटे बृजेंद्र सिंह को टिकट दिए जाने के पक्ष में हैं।
Post A Comment:
0 comments: