राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान समय में बच्चों और युवाओं को शिक्षा और करियर निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि किसी की बहकावे वाली बातों या झूठे प्रलोभनों में आकर अपना भविष्य बिगाड़ना चाहिए।
उन्होंने बताया कि आयोग लगातार प्रदेशभर में स्कूली बच्चों को आठवीं कक्षा से बारहवीं कक्षा तक विभिन्न कानूनी प्रावधानों की जानकारी देकर उन्हें जागरूक कर रहा है। इसी कड़ी में फरीदाबाद के नेहरू कॉलेज पहुंचकर उन्होंने छात्राओं से सीधे संवाद किया।
उन्होंने छात्राओं से अपील करते हुए कहा कि यदि कभी उन्हें लगे कि कोई उनका पीछा कर रहा है, अशोभनीय टिप्पणियाँ कर रहा है या किसी भी प्रकार की असुरक्षा महसूस हो रही है, तो वे तुरंत इसकी जानकारी अपने कॉलेज के प्राचार्य को दें अथवा बिना हिचक पुलिस की सहायता लें। उन्होंने यह भी बताया कि साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, ऐसे में बच्चों और युवाओं को सोशल मीडिया तथा इंटरनेट पर सतर्कता बरतनी चाहिए। किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करना, व्यक्तिगत जानकारी साझा न करना और समय-समय पर पासवर्ड बदलना जैसी सावधानियां अपनाकर कई गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है।
कार्यक्रम के दौरान भाटिया ने यह भी स्पष्ट किया कि महिला आयोग का उद्देश्य केवल समस्याओं के समाधान तक सीमित नहीं है, बल्कि बच्चों और महिलाओं को पहले से जागरूक कर उन्हें सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराना भी है। हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि समय बर्बाद करने वाली निरर्थक रीलें बनाने के बजाय युवाओं को साइबर क्राइम, पॉक्सो एक्ट और महिला सुरक्षा जैसे विषयों पर जागरूकता फैलाने वाली रीलें तैयार करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसी रचनात्मक रीलें आयोग तक पहुँचाई जाएँगी और बेहतरीन रील बनाने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया जाएगा। आयोग का उद्देश्य युवा पीढ़ी की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देना और समाज में जागरूकता का विस्तार करना है।
डीसीपी मोनिका ने छात्र-छात्राओं को पॉश एक्ट, पोक्सो एक्ट, साइबर क्राइम और डिजिटल अरेस्ट जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि पॉश एक्ट (कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न अधिनियम) और पोक्सो एक्ट (बच्चों को यौन अपराधों से संरक्षण अधिनियम) विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि इन अधिनियमों के तहत किसी भी प्रकार के उत्पीड़न की स्थिति में त्वरित शिकायत दर्ज कराना और कानूनी कार्रवाई करना संभव है।
साइबर क्राइम पर उन्होंने कहा कि ऑनलाइन फ्रॉड, हैकिंग और फर्जी कॉल्स जैसी घटनाएँ तेजी से बढ़ रही हैं। खासकर “डिजिटल अरेस्ट” जैसी नई धोखाधड़ी तकनीकों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि अपराधी फर्जी कॉल कर स्वयं को पुलिस अधिकारी या किसी सरकारी एजेंसी का प्रतिनिधि बताते हैं और लोगों को डराकर ऑनलाइन पैसों की वसूली करते हैं। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि ऐसी किसी भी संदिग्ध कॉल या मैसेज से सतर्क रहें और तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दें।
इस अवसर पर अधिवक्ता ऋतू कपूर, कॉलेज की प्रधानाचार्य रुचिका खुल्लर कई गणमान्य व्यक्ति और छात्र-छात्राएं मौजूद रही।
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