उन्होंने गर्भवती महिला व उनके परिवार को गर्भपात के बाद होने बारे दुष्परिणाम बारे जागरूक करने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि सरकार की हिदायत अनुसार पीएनडीटी के अंतर्गत अवैध लिंग जांच बारे सूचना देने पर सूचनाकर्ता को एक लाख रुपए का इनाम दिए जाएंगे और एमटीपी (मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी) की अवैध गतिविधियों की जानकारी देने पर 10 हजार रुपए इनाम दिए जाएंगे। इसके साथ-साथ सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाएगा।
बैठक में उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन क्षेत्रों में अवैध रूप से गर्भपात हो रहा है उन्हें अपने संज्ञान में लेकर अवैध रूप से कराए जाने वाले गर्भपात करने वाले चिकित्सकों का पता लगाएं और यह भी जानकारी लें कि कोई बीएएमएस चिकित्सक तो इस अवैध कार्य में शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी बीएएमएस चिकित्सकों का निरंतर निरीक्षण किया जाए।
उन्होंने सभी एसएमओ को निर्देश देते हुए कहा कि जो आशा व आंगनवाड़ी वर्कर सहेली बनाई बनाई गई है उन्हें सहेली कार्यक्रम के बारे में जागरूक किया जाए। उपायुक्त ने कहा कि कम लिंगानुपात वाले गांवों में विशेष तौर पर जाकर कैंप लगाकर सभी एएनएम के साथ-साथ आमजन को प्रोत्साहित किया जाए।
उन्होंने सभी एसएमओ को निर्देश दिए कि वे 800 से कम लिंगानुपात वाले गांवों की रिपोर्ट का आंकलन करें और तुरंत उनमे सुधार के कदम उठाएं। उन्होंने पीएनडीटी, एमटीपी एक्ट के तहत अधिक से अधिक रेड करने के लिए निर्देश दिए। पुलिस विभाग को भी रेड के समय स्वास्थ्य विभाग टीम का सहयोग करने के लिए निर्देशित किया गया।
बैठक में एसडीएम बलीना, नगराधीश अप्रतिम सिंह, सिविल सर्जन डा. सतेंद्र वशिष्ठ, डा. पंकज खंडेलवाल, डा. भूपेंद्र सिंह, डा. चरण सिंह, डा. नवीन, डा. प्रवीन, डा. योगेश सहित पुलिस विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
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