कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आयोग की सदस्य सुमन राणा ने भाग लिया। उन्होंने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मानव तस्करी जैसी गंभीर सामाजिक समस्या के प्रति समाज को जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम समाज के कमजोर वर्गों, विशेषकर बच्चों और महिलाओं, को सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम हैं।
कार्यक्रम के उपरांत सुमन राणा ने फरीदाबाद स्थित एक बाल देखभाल संस्थान का निरीक्षण भी किया। निरीक्षण के दौरान संस्थान की कार्यप्रणाली और बच्चों की देखभाल व्यवस्थाओं का अवलोकन किया गया। इसके साथ ही, उन्होंने ओल्ड रेड लाइट क्षेत्र में कूड़ा बीनती एक नाबालिग बच्ची को देखकर तत्परता दिखाते हुए स्थानीय पुलिस की सहायता से उसका रेस्क्यू कराया, जो बाल सुरक्षा के प्रति उनकी संवेदनशीलता और सक्रियता को दर्शाता है।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी गरिमा सिंह तोमर ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया और आमजन से अपील की कि यदि बच्चों से संबंधित किसी भी प्रकार की शोषण, तस्करी या असुरक्षा की स्थिति हो तो वे तुरंत हेल्पलाइन नंबर 112, चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 या 1800-1027-222 पर संपर्क करें या जिला बाल संरक्षण इकाई फरीदाबाद कार्यालय में आकर अपनी समस्या या शिकायत दर्ज करा सकते हैं। उन्होंने बताया कि इन माध्यमों से तुरंत सहायता एवं सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है।
इस अवसर पर काउंसलर अपर्णा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डालसा) से रविंदर गुप्ता एवं प्रभात शंकर, शक्ति वाहिनी के इंचार्ज शशिकांत सहित अन्य कर्मचारी एवं सामाजिक कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। कार्यक्रम का उद्देश्य मानव तस्करी के विरुद्ध जनचेतना बढ़ाना तथा बाल अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना रहा।
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