लोक अदालतों में कुल 12071 केसों में से 6970 केसों का निपटारा किया गया और चैक बाउंस व एमएसीटी मामलों में 5 करोड़ 44 लाख 61 हजार 794 रुपए की सेटलमेंट की गई।
राष्ट्रीय लोक अदालत में सभी विचाराधीन मामलों के निपटारे के लिए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुकीर्ति, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय पायल मित्तल, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अंजली जैन, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ओमेश, उपमंडल न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी होडल विवेक कुमार, उपमंडल न्यायिक मजिस्ट्रेट हथीन विवेक ककरान की न्यायिक पीठों का गठन किया गया।
इन न्यायिक पीठों में प्राधिकरण के पैनल अधिवक्ता महेश चंद शर्मा, दिनेश, कृष्णा शर्मा, चन्द्र प्रकाश, उर्मिला रावत और नरेश कुमार को भी बतौर सदस्य पीठ में शामिल किया गया। प्राधिकरण के अधिवक्ता (डिफेंस काउंसिल) नवीन रावत, संदीप गुप्ता, अमित कुमार ने भी लोक अदालत में बतौर रिमांड काउंसिल सहयोग किया।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मेनका सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के तहत प्री-लोक अदालतों का आयोजन किया गया था। इन प्री-लोक अदालतों में राष्ट्रीय लोक अदालत के मद्देनजर लंबित मामलों का निपटारा किया गया।
इसके अलावा लोक अदालत के माध्यम से वाहन दुर्घटना मुआवजा, बैंक वसूली, राजीनामा योग्य फौजदारी मामले, बिजली एवं पानी के बिल संबंधी मामले, श्रम विवाद, सभी प्रकार के पारिवारिक विवाद, चेक बाउंस, राजस्व आदि मामलों को भी निपटाने का हर संभव प्रयास किया गया। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में विवादों को आपसी सुलह और समझौते के आधार पर निपटाने का प्रयास किया गया। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में मोटर व्हीकल एक्ट और बिजली चोरी के मामलों की भी सुनवाई की गई।
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