फरीदाबाद। हरियाणा टूरिज्म के सूरजकुंड, फरीदाबाद में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन संवर्धन परिषद इकाई की राष्ट्रीय बैठक एवं प्रशिक्षण का कार्यक्रम 'मंथन 2025' का आयोजन किया गया। यह आयोजन भारत गणराज्य के 22 प्रदेशों के चेयरमैन एवं वाइस चेयरमैन के लिए विशेष रूप से आयोजित किया गया।
इस बैठक में परिषद के केंद्रीय बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के साथ-साथ सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव टीम की भी गरिमामयी सहभागिता रही। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय चेयरमैन राहुल द्विवेदी के सान्निध्य एवं मार्गदर्शन में सम्पन्न हुई।
इस बैठक में प्रतिनिधित्व करने वाले 22 राज्यों में गुजरात, मध्य प्रदेश, दमन-दीव, असम, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, ओडिशा, दिल्ली, गोवा, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश एवं तमिलनाडु प्रमुख रहे। इस बैठक में प्रशिक्षण सत्र को विक्रम शर्मा, सेंट्रल डायरेक्टर, एजुकेशन एंड ट्रेनिंग बोर्ड द्वारा प्रदान किया गया।
उन्होंने प्रशिक्षण में परिषद की कार्यप्रणाली, राज्य स्तर पर संचालन की रणनीति, एवं संगठनात्मक दक्षता पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। साथ ही, परिषद के सभी सदस्यों को पी.आर.शर्मा, सेंट्रल एडवाइज़र, द्वारा भी बहुत ही अहम बिंदुओं पर गहन मार्गदर्शन प्रदान किया गया। उनके कार्बन क्रेडिट के पहलुओं और बिंदुओं पर प्रकाश डाला एवं एडवोकेट उमाशंकर राहुल जी के द्वारा भी विभिन्न पहलुओं पर विचार रखे गए।
राहुल द्विवेदी ने अपने वक्तव्य में सभी राज्यों से पधारे प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि आप सभी पर्यावरण की समृद्धि और संवेदनशीलताओं को समझते हुए सराहनीय कार्य कर रहे हैं। हमें संगठन की कार्यनीति का अनुशासित पालन करते हुए, समर्पित एवं प्रतिबद्ध भाव से आगे बढ़ना होगा। भारत सरकार द्वारा निर्धारित राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणीय लक्ष्यों की पूर्ति हेतु संवाद, सहयोग और निरंतर प्रशिक्षण आवश्यक है। ऐसे ‘मंथन’ हम समय-समय पर आयोजित करते रहेंगे।
बैठक में पर्यावरण संवर्धन के विषय में विभिन्न करणीय कार्यों, वर्तमान में चल रहे प्रकल्प एवं अभियानों के विषय में जानकारी प्रदान की गई, साथ ही यह भी बताया गया कि उनका क्रियान्वयन कैसे होगा और प्रदेश किस प्रकार इनमें अपनी सहभागिता देंगे।
आगामी प्रकल्पों के विषय में भी कई योजनाओं को प्रस्तुत किया गया और उस पर चर्चा की गई। आपसी समन्वय एवं संवाद तंत्र के विषय में भी सभी को विस्तृत जानकारी दी गई, ताकि संगठन की भीतरी कार्यप्रणाली एवं संवाद प्रणाली अधिक प्रभावशाली बन सके।
अभिनव विस्तृत योजना एवं जानकारी प्रस्तुत की जैसे परिषद पर्यावरण संरक्षण, वन विस्तार और जलवायु परिवर्तन से संबंधित विभिन्न राष्ट्रीय स्तर के अभियानों का संचालन करते हुए जागरूकता और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने हेतु सक्रिय है। परिषद की प्रमुख परियोजनाओं में भारत सरकार की सभी योजनाओं के साथ हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संकल्पित अभियान एक पेड़ मां के नाम को एक विस्तृत रूप में विभिन्न कार्यक्रमों योजनाओं के साथ परिषद कार्य कर रहा है।
निम्नलिखित प्रमुख अभियान:
1. हरित सैनिक अभियान
इस अभियान के अंतर्गत जनभागीदारी से पौधरोपण को जन आंदोलन का स्वरूप देने का प्रयास किया गया है। इसमें आम नागरिकों को 'हरित सैनिक' के रूप में जोड़कर पर्यावरणीय चेतना को जन-जन तक पहुँचाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।
2. ग्राम वन योजना
इस योजना के माध्यम से प्रत्येक गांव में हरित पट्टी विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि ग्रामीण स्तर पर जलवायु अनुकूलन, जैव विविधता संरक्षण एवं आजीविका संवर्धन सुनिश्चित किया जा सके। यह योजना ग्रामीण भारत को हरित एवं टिकाऊ विकास की ओर ले जाने का प्रयास है।
3. वृक्ष मित्र योजना
इस योजना के अंतर्गत सामूहिक पौधरोपण को कार्बन क्रेडिट फ्रेमवर्क से जोड़ा जा रहा है, जिससे स्थानीय समुदायों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा सके। यह न केवल पर्यावरणीय संतुलन को सुधारने में सहायक है, बल्कि जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध सामूहिक प्रयासों की मिसाल भी प्रस्तुत करती है। इन पहलों के माध्यम से परिषद ने पर्यावरणीय चेतना को जमीनी स्तर तक पहुँचाने का अभिनव प्रयास किया है, जो न केवल टिकाऊ विकास बल्कि सामाजिक-आर्थिक समावेशन की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल है।
प्रमुख उद्देश्य व निष्कर्ष:
- परिषद के वर्तमान अभियानों, प्रकल्पों एवं योजनाओं की समीक्षा
- क्रियान्वयन की रणनीति, स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप योजना निर्माण
- प्रदेशों की सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु निर्देश व सहयोग मॉडल
- आगामी प्रकल्पों की जानकारी और उन पर चर्चा
- संवाद तंत्र और आंतरिक समन्वय को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रस्ताव
युवाओं एवं बच्चों की सहभागिता सुनिश्चित करने वाल तकनीकी नवाचारों जैसे कि एकीकृत पर्यावरण प्रशिक्षण पर आधारित एलएमएस प्लेटफार्म की जानकारी साझा की गई, जिसके माध्यम से प्रशिक्षण, मॉनिटरिंग एवं मूल्यांकन की प्रक्रिया और अधिक संगठित, पारदर्शी और डिजिटल रूप में संचालित की जाएंगी। 'मंथन 2025' परिषद की अब तक की गतिविधियों, लक्ष्यों और भावी योजनाओं के पुनरावलोकन एवं प्रशिक्षण का एक सशक्त मंच बना। यह आयोजन संगठनात्मक मजबूती, सामूहिक उत्तरदायित्व एवं जलवायु परिवर्तन के प्रति राष्ट्रीय दृष्टिकोण को सशक्त बनाने में एक ऐतिहासिक कदम सिद्ध हुआ।
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