उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने पुलिस व प्रशासनिक और विभागीय अधिकारियों को साथ लेकर बघौला का दौरा किया। उन्होंने विस्तार से बघौला को जाम रहित बनाने पर गंभीरता से मंथन किया। समाधान के लिए उन्होंने पुलिस-प्रशासन व विभागीय अधिकारियों के अलावा बघौला के सरपंच तथा ग्रामीणों के साथ विस्तृत चर्चा की। उन्होंने जामग्रस्त क्षेत्र में पूरे सड़क मार्ग का दौरा करते हुए हर संभावित समाधान पर चर्चा की। उन्होंने निर्देश दिए कि भारी व हलके वाहनों के लिए अलग-अलग लेन बनाने की संभावना की पूर्ण जांच करें।
उपायुक्त डा. वशिष्ठ ने निर्देश दिए कि गांव का गंदा पानी किसी भी स्थिति में सडक़मार्ग पर नहीं आना चाहिए। इसके लिए जनस्वास्थ्य विभाग तथा पंचायती विभाग हर जरूरी कदम उठायें, जिसमें एनएचएआई को पूर्ण सहयोग दिया जाए।
गंदे पानी के जमावड़े के कारण सडक़ पर गड्ढे हो जाते हैं, जिसके कारण जाम की स्थिति पैदा होती है। साथ ही गड्ढों में पानी भरने के कारण भी जाम की स्थिति बनती है। इसलिए जरूरी है कि सडक़ पर पानी को रोकने की बेहतरीन व्यवस्था की जाए। उन्होंने पंचायती विभाग व जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए कि वे तुरंत प्रभाव से पानी रोकने की व्यवस्था को सुनिश्चित करें।
उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने एनएचएआई के अधिकारियों को भी कड़े शब्दों में जाम की समस्या के समाधान के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने एनएचएआई के पीडी को निर्देश दिए कि वे सड़क मार्ग की प्रोजेक्ट रिपोर्ट उन्हें प्रेषित करते हुए निर्धारित समयावधि में काम करवायें।
उन्होंने निर्देश दिए कि फिलहाल सावन मास की कांवड़ यात्रा के दृष्टिगत अस्थाई तौर पर जरूरी प्रबंध करें। कांवड यात्रा को सुगम बनाने के लिए फ्लाईओवर से कांवड़ यात्रा को गुजारने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से हर संभव सहयोग दिया जाएगा।
इस मौके पर पुलिस अधीक्षक वरुण सिंगला, अतिरिक्त उपायुक्त जयदीप कुमार, एसडीएम ज्योति, जिला परिषद के सीईओ जितेंद्र कुमार, डीडीपीओ उपमा अरोड़ा, एनएचएआई के पीडी धीरज सिंह, उप प्रबंधक रजत श्रीवास्तव, कंसलटेंट अभियंता बृजेश कुमार, बीडीपीओ प्रवीण कुमार, ट्रैफिक इंस्पेक्टर जगबीर सिंह आदि संबंधित अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।
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