राजनीतिक फायदे के लिए उनके वंशज तो सभी बन जाते है लेकिन उनके मान-सम्मान की बारी आती है तो कोई नहीं मिलता है | वही जयहिंद ने मंच से कहा कि सर छोटूराम जी का एक बेटा जरुर होना चाहिए था जो आज उनकी विरासत को जरुर सम्भाल सकता | जिसे आज कोई नहीं सम्भाल सका| सिर्फ राजनीतिक प्रयोग हो रहा है |
जयहिंद ने कहा कि आज हमारा समाज जिस तरह से महापुरुषों, क्रान्तिकारियों, आन्दोलनकारियों और शहीदों को भूलता जा रहा है वो सोचने के लायक भी है और निंदनीय भी है | क्या उनका संघर्ष - त्याग व बलिदान इतना कम है कि उन्हें हम एक दिन याद भी नहीं कर सकते है | भाग -दौड़ भारी इस जिन्दगी में हम उन्ही को भूल गये जिनकी वजह से आज हम ये जिन्दगी जी रहे है |
जयहिंद ने महापुरुषों के नाम पर रही राजनीति पर तंज कसते हुए कहा कि महापुरुष-क्रांतिकारियों के संघर्ष से समाज की 36 बिरादरी का भला होता है | लेकिन बाद में राजनीति के चक्कर में नेता अपनी -अपनी बिरादरी के महापुरुषो के नाम पर वोट माँगना शुरू कर देते है |
नवीन जयहिंद ने जाट भवन में चौधरी सर छोटूराम जयंती के आयोजन पर उन्हें मिले निमन्त्रण का उन्होंने धन्यवाद किया साथ ही उन्होंने उनका भी अभिनन्दन किया जो आज कीमती समय निकल कर छोटूराम जी याद करने इस सभा में मोजूद रहे |
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