उन्होंने कहा कि 35 किलोमीटर तक एक भी कट न होना कहीं न कहीं सरकार की चूक है। सड़कें लोगों की सुविधाओं के लिए होती हैं, परेशानी के लिए नहीं होती। दीपेन्द्र हुड्डा ने मांग करी कि सरकार तुरंत प्रभाव से इस कट को मंजूर कर बनवाए। वो लोगों की इस जायज मांग को संसद में उठाने के अलावा स्वयं केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से समय लेकर लोगों की मांग पूरा कराने का प्रयास करेंगे।
इलाके के करीब 40 गांवों के लोगों ने सांसद दीपेन्द्र हुड्डा को बताया कि महेंद्रगढ़-कनीना से दादरी-झज्जर के बीच लगभग 35 किलोमीटर दूरी पर एक भी एंट्री-एग्जिट नहीं है। इससे करीब 4 जिलों के लोग प्रभावित हो रहे हैं। जबकि इस पूरे रास्ते पर हर 15-20 किलोमीटर पर कट है।
बाघोत गांव में नजदीक ही 64 ज्योतिर्लिंगों में से एक बागेश्वर धाम है जहां साल में 2 बार मेला लगता है और हजारों लोग दर्शन-पूजन के लिए आते हैं। इसके अलावा लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर ही केन्द्रीय विश्वविद्यालय भी है यहाँ हजारों छात्र और शिक्षाविद पहुंचते हैं। लगभग 10 से 12 किलोमीटर दूरी झाड़ली का पावर प्लांट, आईएमटी है। यहाँ दोनो तरफ रास्ते पर कट बनने से लगभग दर्जनों गांवों को इससे फायदा होगा, उनका समय भी बचेगा।
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा आज महेन्द्रगढ़ में आयोजित अनेक कार्यक्रमों में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि बीजेपी-जेजेपी ने हरियाणा को विकास की पटरी से उतार दिया और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया। भाजपा-जजपा का गठबंधन 5100 रुपये पेंशन पर नहीं बल्कि हरियाणा में लूट की छूट पर हुआ था। खुद मुख्यमंत्री ने कहा कि बुजुर्गों को 5100 रुपये की पेंशन देने की कोई बात ही नहीं हुई थी।
जो हरियाणा विकास में गरीबों की कल्याणकारी योजनाओं में नंबर 1 पर माना जाता था, वो विकास में पिछड़कर 19वें स्थान पर पहुंच गया बेरोजगारी में नंबर 1 पर पहुंच गया। 9 साल से शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई और सरकारी स्कूलों को बंद करने की नौबत आ गयी। 2 लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं और जो भर्ती निकली को घोटाले की भेंट चढ़ गयी। पक्की भर्तियों को कौशल रोजगार निगम के जरिये कच्ची भर्ती में बदल दिया गया।
उन्होंने कहा कि अहंकार में डूबी इस सरकार ने हरियाणा को बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, महंगाई में और लोगों का अपमान करने में भी नंबर 1 बना दिया। ऐसा कोई वर्ग नहीं बचा जिसे इस सरकार ने अपमानित न किया हो। आज दिल्ली में जंतर मंतर पर देश का गौरव हमारे खिलाड़ी जिनमें कई बेटियाँ भी हैं, न्याय की गुहार लगाते हुए सड़कों पर बैठे हैं। लेकिन अहंकार में चूर ये सरकार उनकी बात भी नहीं सुन रही है।
इसी प्रकार 1 साल से ज्यादा समय तक किसान धरने पर बैठे रहे, मनरेगा मजदूर, खिलाड़ी, चौकीदार, कर्मचारी, सरपंच, महिलाएं, आशा वर्कर, बुजुर्ग और बच्चों तक को इस सरकार के खिलाफ सड़कों पर धरना देना पड़ा।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से विधायक राव दान सिंह, पूर्व मंत्री राव नरेंदर, पूर्व सीपीएस अनिता यादव, पूर्व विधायक मोला राम, पूर्व विधायक राधेश्याम, पूर्व विधायक राव बहादुर सिंह, विजय सिंह, सुरेंदर नंबरदार, प्रदीप यादव, सेवानिवृत्त न्यायाधीश राकेश यादव, सतबीर झोंकिया, राधेश्याम गोमला, राजेश मांदी, प्रवीण चौधरी, नितिन झंडू, विनोद भील, संजय पतिकरा, महाबीर यादव, मनोज कोसली, संजय भाला, सतपाल दहिया, अनिल धनखड़, लवली यादव समेत बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे।
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