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RSS के स्वयंसेवकों का फरीदाबाद के दशहरा ग्राउंड में हुआ गुणवत्ता संचलन

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फरीदाबाद 27 फरवरी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी कार्यशैली के अनुसार अपने कार्यकर्ताओं और स्वयं सेवकों का गुणात्मक विकास करते हुए उनके चरित्र निर्माण करते हुए देश निर्माण में सतत लगा रहता है। इसी कड़ी में आज पूर्ण गणवेष में संघ के 202 स्वयंसेवकों का गुणवत्ता संचलन दशहरा मैदान सेक्टर 16 से प्रारंभ होकर विभिन्न मार्गों से होता हुआ दशहरा मैदान पर आकर संपन्न हुआ।

इस कार्यक्रम में  रावल  शिक्षण संस्थान चेयरमैन सी बी रावल रावल ने अध्यक्षता करते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से इतना प्रभावित हूं कि मैं किसी भी रूप में समाज की सेवा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के किसी भी माध्यम से करना चाहता हूं।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समाज का एक ऐसा संगठन है जो समाज के लिए विभिन्न तरह की आपदाओं में हमेशा तैयार रहता है। सहयोग करता रहता है।

फरीदाबाद महानगर संघचालक उमेश ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्य व्यक्ति निर्माण करना है। व्यक्ति निर्माण करने से व्यक्ति समाज के कार्य करने के लिए सक्षम हो जाता है।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता फरीदाबाद विभाग के विभाग प्रचारक अनिल जी ने कहा संघ राष्ट्र सर्वप्रथम के उद्देश्य से चलने वाला संगठन है। इसमें स्वयंसेवक सूचना के

बाद सोचना नहीं ऐसा उद्देश्य लेकर कार्य करते हैं। संघ के स्वयंसेवक शाखा पर सूक्ष्म व्यायाम, ऊष्ण व्यायाम, खेल, दंड, दंड युद्ध, नियुद्ध, पद विन्यास और बौद्धिक कार्यक्रमों से अपना शारीरिक, बौद्धिक विकास करते हुए समाज के विभिन्न तरह से सेवा करते रहते हैं।


उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक समाज में आने वाली आपदाओं में हमेशा तैयार रहते हैं चाहे वह भारत विभाजन की त्रासदी हो, नेपाल का भूकंप, दक्षिण की सुनामी हो, विभिन्न राज्यों में आने वाली बाढ़ हो, केदारनाथ की बाढ़ हो या कश्मीर की बाढ़ हमेशा सहयोग के लिए तत्पर रहते हैं।

उनका उद्देश्य है आर्थिक सहयोग से ज्यादा व्यवहारिक सहयोग प्रभावी होता है। नित्य प्रति शाखा जाने से श्रद्धा उत्पन्न होती है और श्रद्धा न झुकने देती है, ना थकने देती है, ना रुकने देती है, ना बिकने देती है, ना मरने देती है। हमें 1948 में मारने का प्रयास हुआ, 1975 में रोकने का प्रयास हुआ, 1992 में खत्म करने का प्रयास हुआ लेकिन श्रद्धा के बल पर न हम झुके, ना रुके, न थके और ना मरे। 

शाखाओं में होने वाले शारीरिक कार्यक्रम से हमें उद्यमशीलता, साहस, पराक्रम, शक्ति और धैर्य इत्यादि का विकास होता है। उसी के बल पर हम राष्ट्र की सेवा करते हैं।   

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