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मास्टरमाइंड के साथ दबोचा गया बड़ा ATM जालसाज गिरोह, तीन राज्यों को थी तलाश

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हमें ख़बरें Email: psrajput75@gmail. WhatsApp: 9810788060 पर भेजें (Pushpendra Singh Rajput)
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चंडीगढ़, स्टेट क्राइम ब्रांच,  हरियाणा पुलिस  की एटीएम फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन सेल ने अलग अलग दो अनट्रेस मुकदमों में आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। दोनों मुकदमों में कुल 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और कोर्ट से रिमांड हासिल कर पूछताछ की जा रही है। स्टेट क्राइम ब्रांच, हरियाणा, प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया की एंटी फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन सेल यमुनानगर ने एटीएम फ्रॉड के मास्टरमाइंड जयवीर सिंह को बुधवार शाम गिरफ्तार किया गया। आरोपी पर तीन अलग अलग राज्यों में 16 केस दर्ज है। इसके अलावा एंटी फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन सेल रोहतक ने एटीएम फ्रॉड में लिप्त दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।दोनों आरोपी पहले ही अन्य केस में जेल में बंद थे , और ज़मानत पर बाहर आये हुए थे।  

एक आरोपी आरोपी पर दर्ज है 3 राज्यों में केस, दूसरे मुकदमे में किए दो आरोपी रोहतक से गिरफ्तार : अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमित दहिया, हपुसे

नोडल अफसर अमित दहिया , हपुसे ने बताया की एंटी फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन सेल यमुनानगर ने  दिल्ली निवासी आरोपी जयवीर सिंह को गिरफ्तार किया गया है। जनवरी माह में शिकायतकर्ता रणवीर सिंह निवासी गाँधी नगर ने जिला पुलिस यमुनानगर को शिकायत दी थी कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसका एटीएम बदल दिया। जब वह घर आया तो पता चला कि उसके खाते से अनधिकृत ट्रांसक्शन से करीबन 90 हज़ार रूपए निकाल लिए है।  जिला पुलिस द्वारा यह केस अनट्रेस कर दिया गया था।  यह केस राज्य अपराध शाखा, हरियाणा में स्थापित एटीएम फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन सेल को सौंपा गया जिन्होंने फोटो और वीडियो के आधार दोबारा से तफ्तीश करते हुए आरोपी जयवीर सिंह को सुल्तानपुरी दिल्ली से गिरफ्तार किया। आरोपी पर करीबन 16 मुकदमे अलग अलग राज्यों में दर्ज है।  इसमें  नौ केस गाजिय़ाबाद (उत्तर प्रदेश), दो दिल्ली, दो अम्बाला  व  एक-एक केस करनाल, कैथल और यमुनानगर में दर्ज है। दौरान तफ्तीश आरोपी के पास से 17 एटीएम कार्ड बरामद किये गए है। इस केस की तफ्तीश, उप निरीक्षक परमवीर सिंह, सहायक उप निरीक्षक राजकुमार व नरेंदर द्वारा की गयी है।

जयवीर सिंह जगह बदल बदल करता था अपराध, गाजिय़ाबाद और दिल्ली, तो कभी अम्बाला, कैथल और यमुनानगर जिलों में की धोखाधड़ी

दिल्ली निवासी एटीएम फ्रॉड का मास्टर माइंड जयवीर सिंह, मुलत हिसार का रहने वाला है लेकिन वर्तमान में सुल्तानपुरी, दिल्ली में रह रहा था।  अपराध करने के लिए आरोपी अलग अलग स्थान ढूंढता था और हर बार अपराध करने के बाद अपनी जगह बदल लेता था ताकि स्थानीय पुलिस से बच सके । आरोपी हर बैंक के एटीएम कार्ड अपनी जेब में रखता था ताकि जिस भी बैंक का एटीएम हो , उसी अनुसार अपने अपराध को अंजाम दे सके। पुलिस की पकड़ से बचने के लिए किसी भी एक जगह वह ज़्यादा समय तक नहीं रुकता था।

रोहतक में 2 आरोपी गिरफ्तार, साल भर पहले किया था 3.43 लाख का एटीएम कार्ड फ्रॉड  

स्टेट क्राइम ब्रांच, हरियाणा, प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया अन्य मुकदमे में एंटी फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन सेल रोहतक ने दो आरोपियों कमल, निवासी जेपी कॉलोनी, रोहतक और सुमित निवासी खोखराकोट, रोहतक को एटीएम फ्रॉड में गिरफ्तार किया है। शिकायतकत्र्ता अजित निवासी बहराण जिला झज्जर ने जिला पुलिस को शिकायत दी थी की 25 जुलाई 2021 को अपने बेटे को एटीएम कार्ड दिया था। आरोपियों ने धोखे से बेटे के पास से एटीएम कार्ड बदल दिया और उस कार्ड से करीबन 3  लाख 43 हज़ार रूपए की धोखाधड़ी को अंजाम दिया। जिला पुलिस द्वारा यह केस अनट्रेस कर दिया गया था। इस केस की दोबारा तफ्तीश करते हुए एंटी फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन सेल रोहतक ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपियों की पहचान कर रोहतक में दोनों आरोपियों को धर दबोचा। दोनों आरोपी कमल और सुमित पहले ही अन्य केसों में सजायफ्ता है और इस वक़्त ज़मानत पर बाहर आये हुए थे। दोनों आरोपियों को रिमांड पर लिया गया है और तफ्तीश की जा रही है। इस टीम में अनुसन्धान अधिकारी उप निरीक्षक बलबीर सिंह के अलावा सहायक उपनिरीक्षक संजय व मुख्य सिपाही रवि रहे।

एटीएम मशीन में बरतें सावधानी, बिना गार्ड वाली एटीएम मशीन को बनाते है निशाना : ओ.पी. सिंह, आईपीएस , अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक

जैसा कि विदित है, प्रदेश में एटीएम फ्रॉड के अनट्रेस मुकदमों पर स्टेट क्राइम ब्रांच, हरियाणा की एटीएम फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन सेल ने काम करना शुरू किया है। सभी अनछुए पहलुओं पर अनुसंधान टीम काम करती है की कहीं कोई सबूत छूट तो नहीं गया है। इन्वेस्टीगेशन पर ध्यान दिया जाए और मेहनत की जाये तो अपराध करने वालों को सलाखों के पीछे पहुँचाया जा सकता है। ऐसे आरोपी अक्सर बच्चे , बूढ़े या महिला को अधिकतर अपना शिकार बनाते है। लोगों की एटीएम की जानकारी कम होने का फायदा उठाते है और मौका देखते ही मदद का बहाना कर कार्ड बदल देते है।  इसी दौरान वो एटीएम पासवर्ड भी जान लेते है। इस बात का ध्यान रखना चाहिए की जब भी एटीएम मशीन पर लेन देन करें तो आपके आस पास कोई नहीं हो।  इसके अलावा ऐसी आपराधिक गतिविधियां अक्सर शहर के बाहर वाली एटीएम मशीन या बिना गार्ड वाली एटीएम मशीन पर होती है। इस बात का ख्याल रखें की जब भी एटीएम पर अपना पिन डाले तो अपने हाथ से कीपैड को ढक लें। थोड़ा सा ध्यान रखने से आप अपने साथ होने वाले इस फ्रॉड से बच सकते है।

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