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बिना गरजे चले गए गब्बर, फरीदाबाद के अधिकारियों ने ली राहत की सांस, कई तरह के चर्चे भी शुरू

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फरीदाबाद- शहर के तमाम विभाग के अधिकारी कर्मचारी आज अच्छी नींद सोयेंगे जिसका प्रमुख कारण है खुद को गब्बर कहने वाले प्रदेश के गृह मंत्री फरीदाबाद में बिना गरजे फिर वापस चले गए। सूरजकुंड के राजहंस होटल में भाजपा के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में के  कार्यक्रमों में केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, स्थानीय निकाय मंत्री डा. कमल गुप्ता, कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा, शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर, कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल, सहकारिता मंत्री बनवारी लाल, महिला व बाल विकास मंत्री, कमलेश ढांडा, राज्यमंत्री संदीप सिंह, सांसद संजय भाटिया, नायब सिंह सैनी, चौ. धर्मबीर सिंह, रतनलाल कटारिया, बिजेंद्र सिंह, सुनीता दुग्गल, डा. अरविंद शर्मा,  रमेश कौशिक, राज्यसभा सांसद कृष्णपाल पंवार जैसे बड़े भाजपा नेता आये लेकिन फरीदाबाद के अधिकारियों की निगाह गृह मंत्री अनिल विज पर ही टिकी थी। गृह मंत्री ने कल कहा भी था कि मैं कभी भी कहीं भी जा सकता हूँ लेकिन किसी विभाग के दफ्तर में नहीं गए। 

गृह मंत्री के आगमन से पहले ही फरीदाबाद के इकलौते बड़े सरकारी अस्पताल बीके अस्पताल में साफ सफाई देखी गई और आपातकालीन कक्ष में भी पट्टी वगैरा लाकर रख दी गई जबकि कई बार देखा गया है कि इस अस्पताल की इमरजेंसी में एक पट्टी तक नहीं रहती। घटना, दुर्घटना में घायल होने वालों से निजी मेडिकल स्टोर से पट्टी मंगवाकर बाँधी जाती है। शनिवार, रविवार होने के बाद भी अस्पताल में डाक्टर समय से पहुंचे और स्टाफ भी सतर्क रहा। 

यही नहीं फरीदाबाद का बड़ा खोखला डिब्बा कहा जाने वाला ईएसआई मेडिकल कालेज का स्टाफ भी सतर्क रहा। इस मेडिकल कालेज को कई बार डिब्बा कहा जा चुका है। करीब 700 करोड़ रूपये की लागत से कई वर्ष पहले बने इस मेडिकल कालेज के कारनामे आये दिन मीडिया में सुर्ख़ियों में रहते हैं। देखने को ये बहुमंजिला इमारत वाला मेडिकल कालेज है लेकिन कई बार यहाँ से खांसी जुकाम वाले मरीज भी उन निजी अस्पतालों में रेफर किये गए हैं तो इससे 100 गुणा से ज्यादा  छोटे हैं। चर्चाएं होती हैं कि मोटे कमीशन के लिए यहाँ से मरीजों को निजी अस्पतालों में भेजा जाता है। 

छुट्टी का दिन होने के कारण नगर निगम के अधिकारी ज्यादा परेशान नहीं हुए लेकिन रात-दिन बिना छुट्टी के काम करने वाले पुलिस महकमे में हलचल देखी गई। गृह मंत्री किसी थाने में निरीक्षण करने न पहुँच जाएँ इसलिए पुलिस महकमा सतर्क रहा और आज उनके जाने के बाद राहत की सांस ली गई। कल और आज बारिश के दौरान भी तमाम पुलिसकर्मी भीग कर ड्यूटी करते देखे गए। 

शहर में इस बात की चर्चाएं भी हैं कि गृह मंत्री तीन दिन फरीदाबाद के रहे और किसी भी कार्यालय में छापा नहीं मारा। सेव फरीदाबाद संस्था के पारस भारद्वाज का कहना है कि अनिल विज भी शहर में तमाम क्षेत्रों के दफ्तरों में छापे मारने कैसे जाते क्यू कि सड़कें टूटी पड़ीं हैं। 30 जून की बारिश का पानी अब भी कई सड़कों पर भरा था कि कल और आज शहर में फिर बारिश हो गई, कई सड़कें तालाब बन गईं,  और ऐसे में विज साहब के लिए अगर नाव वगैरा की व्यवस्था की गई होती तो वो जरूर किसी न किसी आफिस में छापेमारी करते। पारस भारद्वाज ने ये भी कहा कि फरीदाबाद नगर निगम में 200 करोड़ के घोटाले के कारण विज के तेवर पहले से ही ढीले हैं और ऐसे में उन्होंने खुद को प्रशिक्षण शिविर तक ही सीमित रखा। नहर पार एक अस्पताल में गए थे जो उनका तय कार्यक्रम था। 


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