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निकाय चुनाव परिणाम से हरियाणा में BJP-कांग्रेस दोनों खुश, फरीदाबाद के कांग्रेसी तो और खुश हुए

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फरीदाबाद- हरियाणा निकाय चुनाव कांग्रेस सिम्बल पर नहीं लड़ी और एक दिन पहले आये परिणामों में भाजपा-जजपा गठबंधन ने कई सीटों पर कब्ज़ा किया और पीएम मोदी ने सीएम मनोहर लाल की पीठ भी थपथपाई इसके बाद भी इन परिणामों से जहां हरियाणा कांग्रेस खुश है वहीं फरीदाबाद के कांग्रेसी भी खुश दिख रहे हैं।

राज्य सभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने ट्विटर पर कुछ आंकड़े पेश किये हैं और उन्होंने लिखा है कि निकाय चुनाव हरियाणा में चौंकाने वाले आँकड़े-

- 2018 निकाय चुनाव में भाजपा को 48.8% वोट, 2020 निकाय में 39% वोट और अभी हुए निकाय 2022 में 26.3% वोट ही मिले - सत्ता+गठबंधन के बावजूद वोट शेयर 49 से 26% गिरा

- इस बार  12,71,782 मतदाताओं में से केवल  3,33,873 वोट ही भाजपा को मिले!

इन आंकड़ों के बाद प्रदेश के कांग्रेसी खुश दिख रहे हैं कि शहरों में भाजपा पहले से कमजोर हुई है। कई कांग्रेसी विधायकों को मलाल भी है कि हमारी पार्टी ने इन चुनावों को सिम्बल पर नहीं लड़ा। सिम्बल पर चुनाव लड़े गए होते तो नतीजे कुछ और होते। वैसे इन चुनावों में जहाँ हरियाणा के कई मंत्रियों की उनके गढ़ में हार हुई और अपने उम्मीदवार नहीं जिता पाए। यहाँ तक की सीएम मनोहर लाल के गृह जिले में भाजपा को चार में से एक सीट पर संतोष करना पड़ा वहीं उप मुख्य्मंत्री दुष्यंत चौटाला भी अपना गढ़ नहीं बचा पाए और यही नहीं लगभग एक दर्जन कांग्रेसी विधायक भी अपने गढ़ में कुछ खास नहीं कर पाए। 

इस चुनाव परिणाम से फरीदाबाद के कांग्रेस क्यू खुश हैं तो बता दें कि फरीदाबाद में जल्द नगर निगम चुनाव हैं। 45 वार्ड बनाये गए हैं। मेयर का डायरेक्ट चुनाव होगा। फरीदाबाद के कांग्रेसियों को लगता है कि ये चुनाव पार्टी सिम्बल पर लड़ेगी और यहाँ भाजपा की कमजोरी का उन्हें फायदा मिलेगा। निकाय चुनावों में आम आदमी पार्टी को चंडीगढ़, पंजाब जैसी सफलता हरियाणा में न मिलने से भी फरीदाबाद के कांग्रेसी खुश हैं। फरीदाबाद के कांग्रेसियों को लगता है कि आम आदमी पार्टी के पास अब मेयर पद का कोई उम्मीदवार नहीं है। 

उनके भावी उम्मीदवार ओपी वर्मा पहले कहते थे मैं मेयर बनूँगा, अब बोल  रहे हैं मैं राष्ट्रपति के लायक था। सोशल मीडिया पर ओपी वर्मा को किसी अस्पताल में जाकर इलाज करवाने को कहा जा रहा है। उन्होंने घोषणा की थी कि उनकी धर्मपत्नी मेयर का चुनाव लेकिन उसके पहले वो बहकी-बहकी बातें करने लगे हैं। कहा जा रहा है कि उनका दिमाग थोड़ा हिल गया है। बार-बार ओपी वर्मा को हमारे मेयर साहब कह कर सम्बोधित करने वाले आम आदमी पार्टी फरीदाबाद के जिला अध्यक्ष धर्मबीर भड़ाना पर भी सवाल उठने लगे हैं। 

आप हरियाणा अब तक के फेसबुक पेज पर जाकर ओपी वर्मा के  वीडियो पर फरीदाबाद की जनता की प्रतिक्रिया देख सकते हैं। आपको आने वाली फिल्म फिर हेराफेरी- पार्ट-3 देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी, इस फिल्म में परेश रावल, अक्षय कुमार, सुनील सेट्टी थे और फिल्म सफल हुई फिर पार्ट दो और अब पार्ट -3 जल्द आने वाली है। 

शहर में बसपा और इनेलो का जनाधार समाप्ति के कगार पर है। जेजेपी थोड़ा मजबूत हुई है क्यू कि मेहनती और जुझारू और मोदी लहर को मात देकर पार्षद बने दीपक चौधरी जैसे नेता जेजेपी के पास हैं। यही नहीं दिल्ली बार्डर पर पप्पी ने भी जेजेपी के लिए मोर्चा संभाल रखा है। इन नेताओं का फायदा जेजेपी को मिल सकता है। पार्टी एक भूल कर बैठी है और डर इसी बात का है कि कहें उस भूल से पार्टी का नुक्सान न हो जाए। पार्टी ने एक बड़ा पद उस नेता को दे दिया जिसका नाम लेते ही निगम में जेजेपी के उम्मीदवार हार सकते हैं। फ़िलहाल जेजेपी शहर में अच्छा प्रदर्शन कर सकती है। 

मेयर का डायरेक्ट चुनाव है। सीट महिलाओं के लिए आरक्षित है। भाजपा निवर्तमान मेयर सुमन बाला, रेनू भाटिया को मैदान में उतार सकती है। कांग्रेस पूर्व केबिनेट मंत्री चौधरी महेंद्र प्रताप सिंह के परिवार से किसी को और अगर वो परिवार राजी न हुआ तो बल्लबगढ़ से दो बार विधायक रहीं पूर्व मुख्य संसदीय सचिव कुमारी शारदा राठौर को मैदान में उतारेगी। दो भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों में दो तीन महिलाओं के और नाम सामने आये हैं लेकिन इन्हे टिकट मिली तो ये कुछ खास नहीं कर पाएंगी। 

फरीदाबाद के एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता का कहना है कि पार्टी ने सिम्बल पर चुनाव लड़ा तो हम 45 में से 30 वार्ड जीत सकते है और मेयर की कुर्सी भी हमारी होगी। 

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