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राजनीतिक आकार बढ़ा तो राजधर्म अपना सत्ता के शिखर के शिखर की तरफ बढे योगी

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नई दिल्ली- लखनऊ- फरीदाबाद -  पुष्पेंद्र सिंह राजपूत - हाल में अफवाहें थीं कि कांग्रेस हाईकमान अलग राह पर चलने वाला है लेकिन प्रशांत किशोर और कांग्रेस में बात नहीं बनी खासकर राहुल गांधी से बात नहीं बनी। सोनिया गांधी प्रियंका गांधी के साथ प्रशांत की कई बैठकें हुईं लेकिन राहुल गांधी सिंह एक बैठक में शामिल हुए और जब बातचीत चल रही थी तभी राहुल गांधी विदेश चले गए। अब प्रशांत किशोर नई पार्टी बना सकते हैं और बिहार से शुरुआत कर 2024 तैयारी कर सकते हैं। कांग्रेस की कमजोरी का फायदा हर कोई कोई उठाना चाहता है चाहे वो सत्ताधारी भाजपा हो या ममता बनर्जी की टीएमसी या आम आदमी पार्टी के अरविन्द केजरीवाल लेकिन इन सभी की राह आसान नहीं है क्यू कि इस समय भाजपा के पास कई अच्छे नेता हैं जो राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमा रहे हैं। आसानी से दिल्ली की कुर्सी किसी और के पास शायद ही जाए क्यू कि उत्तर प्रदेश जीतने के बाद योगी की राजनीति का आकार काफी बढ़ गया है। 

दूसरी पारी शुरू होते ही योगी आदित्यनाथ राजधर्म निभाते देखे जा रहे हैं। राम नवमी के दिन यूपी सहित कई राज्यों में यात्राएं निकलीं। यूपी में 800 से ज्यादा यात्राएं निकलीं लेकिन माहौल शान्ति रहा जबकि कई राज्यों में दंगा हुआ। जंहागीरपुरी दिल्ली में दंगा हुआ और बदला अयोध्या में कुछ लोग लेना चाहते थे जो हिन्दू समाज से थे। सभी को गिरफ्तार किया गया और एनएसए लगा दिया गया। हाल में मेरठ में एक नेता पुलिस से पोल रहा था कि पूरी फ़ोर्स उतार दो तब भी सड़क पर जागरण होगा। ये जागरण रोक दिया गया ताकि ईद पर कोई बवाल न हो और यही नहीं ईद के पहले योगी ने अधिकारियों को आदेश दिया कि ईद पर बिजली कट न हो ताकि मुस्लिम समुदाय को किसी तरह की कोई समस्या न हो। इसी को कहते हैं राजधर्म जहाँ किसी भी धर्म समुदाय का वहां का राजा ख़याल रखता हो। 

देश के तमाम राज्यों में देखा जाता है कि बड़ी पार्टियां जनता पर अपने चाटुकार को मुख्य्मंत्री के रूप में थोपती हैं। 2017 में यूपी में सीएम पद के लिए कई नाम चल रहे थे लेकिन भाजपा को मजबूरन योगी को सीएम बनाना पड़ा क्यू कि पूर्वांचल में योगी की मजबूत पकड़ है और 200 से ज्यादा विधायक और कई दर्जन सांसद उसी क्षेत्र से हैं और सब योगी के साथ थे। यही सब देख भाजपा ने योगी को सीएम बनाया और फिर सीएम बनते ही योगी ने एक से बढ़कर एक कई बड़े फैसले लिए। 2019 लोकसभा चुनावों में भाजपा को फिर बड़ी जीत मिली तो 2022 में भी ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। 

2022 में भाजपा को ज्यादा नुकसान इसलिए नहीं हुआ क्यू कि प्रदेश की अधिकतर जनता योगी के कामकाज से खुश थी। वर्तमान में देखा जा रहा है कि कुछ राज्यों में जनता के लिए राशन डिपो पर मुफ्त वाला गेंहूं आ रहा है तो आधा गेंहूं राशन डिपो वाले डकार जा रहे हैं और खुलेआम डकार रहे हैं। विकास के लिए पैसे आते हैं तो भ्रष्ट डकार जाते हैं जैसे की फरीदाबाद में आप देख सकते हैं। बिना विकास करवाए सैकड़ों करोड़ डकार गए और फरीदाबाद को स्मार्ट सिटी के बजाय नरक बना दिया और एफआईआर होने के बाद भी तमाम भ्रष्ट पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। यूपी होता तो इन भ्रष्टों की काली कमाई से खड़ी की गई अवैध संपत्ति पर अब तक बुलडोजर चल चुका होता। 

केंद्र सरकार राज्यों को बहुत पैसे देती है लेकिन जिन राज्यों में कमजोर मुख्यमंत्री हैं वहां भ्रष्ट अधिकारी हावी हैं और केंद्र सरकार द्वारा दिया गया काफी पैसा डकार जा रहे हैं। यूपी में ऐसा नहीं है। किसी भी गांव में चले जाएँ तो प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत सैकड़ों मकान आपको देखने को मिल जाएंगे और जिनके पास सब कुछ है उन्होंने भी केंद्र सरकार के शैचालय स्कीम के तहत एक नहीं दो दो शौचालय बनवा लिए हैं। अन्य राज्यों में पीएम आवास योजना और शौंचालय स्कीम योजना का तमाम पैसा भ्रष्ट डकार गए। इससे जुडी तमाम ख़बरें भी उस समय आईं जब शैचालय योजना शुरू हुई थी। 

एक दशक पहले यूपी और बिहार को देश का सबसे पिछड़ा राज्य कहा जाता था। बिहार तो अब भी बदहाल है लेकिन यूपी को अब देखें तो आधा दर्जन एक्सप्रेवे, तमाम नेशनल हाइवे और लाखों गांवों की सड़कें भी टनाटन हैं। एक समय था जब यूपी में कभी दिन में दो चार घंटे बिजली आती थी तो कभी रात्रि में लेकिन योगी के आने के बाद 18 से 20 घंटे बिजली मिलनी शुरू हो गयी। ये भी किसी चमत्कार से कम नहीं था। 

देश में लाउडस्पीकर चर्चाओं में है। कुछ राज्यों में इसे लेकर हिंसा भी हो रही है जबकि यूपी की बात करें तो लगभग एक हफ्ते पहले सीएम योगी ने कहा था कि सभी धर्मों के लोग लाउडस्पीकर का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन आवाज धार्मिक स्थलों से बाहर नहीं जानी चाहिए। इसके बाद से अब तक लगभग 50 हजार धार्मिक स्थलों पर से या लाउडस्पीकर हटाए जा चुके हैं या आवाज कम की जा चुकी है। 

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल के बाद गोरखनाथ मंदिर में लगे लाउडस्पीकर की आवाज कम की गई। जिसके बाद हजारों मंदिरों और मस्जिदों सहित अन्य धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर की आवाज कम की गई। कहीं कोई विवाद नहीं हुआ। सभी धर्मों के लोगों ने सीएम के आदेश का पालन किया। 

2017 से ही योगी के नाम का डंका बज रहा है और कई राज्यों की जनता को ये कहते देखा गया कि हमारे राज्य में योगी को एक हफ्ते के लिए सीएम बना दो। भाजपा का अन्य कोई नेता फिलहाल इतनी ऊंचाई पर नहीं दिखता। कई राज्यों में सीएम जनता पर थोप दिए गए हैं। कई तो पहली बार विधायक बने और मुख्य्मंत्री बना दिया गया। योगी की बात करें तो पांच बार सांसद रहे हैं तब जाकर सीएम बने और अपनी ताकत से सीएम बने। दूसरी बार भी किसी में हिम्मत नहीं हुई कि उन्हें नजरअंदाज कर दे। भाजपा के पास फिलहाल मोदी जी हैं। जिस दिन मोदी जी थोड़ा कमजोर पड़ेंगे योगी का नंबर आ जाएगा क्यू कि दुसरे कार्यकाल में योगी राजधर्म निभाते देखे जा रहे हैं। 

25 साल बाद वो अपने गांव उत्तराखंड गए हैं और आज भी रात्रि प्रवास अपने गांव में ही कर रहे हैं। गांव के लोग बहुत खुश दिख रहे हैं। कल वो अपनी माता जी से मिले थे। अपने माना से मिले थे जिनका कहना है कि योगी जब गांव में रहते थे तो मैं उन्हें बहुत डांटता था क्यू कि वो बहुत खेलते थे ,मैं उन्हें डांट कर कहता था कि कुछ बनना हो तो खेलकूद कर कर दो। 

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