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हाईकमान खोल सकता है हाथ ताकि हरियाणा में खुलकर बैटिंग करें भूपेंद्र सिंह हुड्डा

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नई दिल्ली- हाल में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का हाल काफी बेहाल हुआ था और पंजाब में तो और बुरा हाल हुआ था जिसका कारण सिद्धू -अमरेंद्र की जंग बताई गई। उसी समय हरियाणा में बदलाव की बातें सामने आईं लेकिन हरियाणा कांग्रेस प्रभारी ने इन बातो को सिर्फ अफवाह बताया लेकिन पिछले कुछ दिनों से हरियाणा कांग्रेस के नेताओं की दिल्ली में दिग्गज कांग्रेसी नेताओं के साथ बैठकें चल रहीं हैं जिसे देख ऐसा नहीं लगता कि वो एक अफवाह थी। सूत्रों की मानें तो हरियाणा कांग्रेस में बदलाव जल्द हो सकता है। कल से सोशल मीडिया पर चर्चाएं हैं कि होडल के पूर्व विधायक उदयभान हो कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। आपको बता दें कि पूर्व सीएम हुड्डा ने ही उदयभान का नाम आगे किया था और हाल में पलवल दौरे के समय वो उदयभान के घर भी गए थे।

 कल से चर्चाएं चल रहीं हैं कि उदयभान को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसके कुछ कारण हैं क्यू कि कल  हरियाणा मामलों के प्रभारी विवेक बंसल ने पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की थी और उन्होंने हरियाणा में बदलाव को लेकर इसी तरह का फार्मूला वेणुगोपाल को दिया है। इससे पहले सोमवार को बंसल ने पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि सोनिया के निर्देशों के बाद ही बंसल ने वेणुगोपाल से मुलाकात की।इतना ही नहीं, बंसल के बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी के विशेष आमंत्रित सदस्य एवं आदमपुर विधायक कुलदीप बिश्नोई ने भी वेणुगोपाल से मुलाकात की थी जिसे देख लग रहा है कि हरियाणा में खिचड़ी पक रही है और जल्द पक जाएगी।

 दिल्ली के सूत्रों की मानें तो कांग्रेस हाईकमान हुड्डा को फ्री हैंड करने के मूड में है और जल्द फ्री हैण्ड कर सकता है। सूत्रों की मानें तो हाईकमान हुड्डा को ही प्रदेश अध्यक्ष बनाने के मूड में था लेकिन हुड्डा सीएलपी नेता की कुर्सी पर भी काबिज रहना चाहते थे ऐसे में बात नहीं बनी और फिर हुड्डा ने ही उदयभान का नाम सुझाया। अब देखते हैं कि आगे क्या होता है। वैसे प्रदेश में आठ साल से संगठन नहीं है और सूत्रों की मानें तंवर अपने समय में अपने अधिक से अधिक लोगों को जिला अध्यक्ष की कुर्सी सौंपने के मूड में थे और हुड्डा अपने समर्थकों को और तंवर के बाद कुमारी सैलजा और हुड्डा के बीच फिर वही हुआ इसलिए प्रदेश में अब तक संगठन नहीं बन सका। 

अगर हुड्डा के किसी करीबी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाता है तब हुड्डा खुलकर बैटिंग करेंगे और प्रदेश में बिना खींचतान के जल्द संगठन बनेगा। 

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