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सीकरी फार्म हाउस पर जापान की तकनीक पर आधारित होगी स्थापित

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कुरुक्षेत्र। 20 जनवरी - देश के किसानों के लिए जैविक खाद बनाने वाले शाहबाद के गांव ढकाली के सीकरी फार्म हाउस पर अब देश भर के किसानों के खेतों की मिट्टी की सेहत आधुनिक लैब में चैक की जाएगी। इस आधुनिक लैब को जापान की आधुनिकतम मशीनों के साथ लैस किया जाएगा। इस लैब की स्थापना प्रगतिशील किसान करण सीकरी द्वारा की जा रही है। इस लैब में हर माह मिट्टी के 100 नमूनों की जांच की जाएगी। अहम पहलू यह है कि सीकरी फार्म हाउस के साथ वर्ष 2023 तक 10 लाख किसानों को जोडऩे का लक्ष्य निर्धारित किया है। इन किसानों के खेतों की मिट्टी की जांच भी करने का टारगेट तय किया गया है। इस लैब को जल्द ही किसानों को समर्पित कर दिया जाएगा।

शाहबाद के गांव डंगाली में सीकरी फार्म हाउस के प्रबंधक निदेशक प्रगतिशील किसान करण सीकरी ने वीरवार को विशेष बातचीत करते हुए कहा कि सीकरी फार्म हाउस पर मिट्टी की सेहत की जांच करने के लिए जापान की तकनीक और मशीनरी का प्रयोग करते हुए एक आधुनिक सॉयल टेस्टिंग लैब स्थापित की जा रही है। इस लैब का नाम उनके दादा के नाम पर श्री रामनाथ सॉयल लैब रखा गया है। इस लैब को चेरिटेबल प्रणाली से चलाया जाएगा और इस लैब का संचालन करने के लिए करणा फाउंडेशन ट्रस्ट की स्थापना की गई है। इस लैब के माध्यम से हर माह मिट्टïी के 100 नमूनों की जांच की जाएगी। इस लैब में मिट्टी की सेहत के बारे में विस्तृत रिपोर्ट मिल पाएगी। यह पहली ऐसी लैब है जहां पर मिट्टी के न्यूट्रिशन के साथ-साथ जीवाणु के बारे में जानकारी मिल पाएगी।

उन्होंने कहा कि सीकरी फार्म हाउस के साथ अभी तक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से करीब 7 राज्यों जिनमें हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, जम्मू कश्मीर, दिल्ली, राजस्थान शामिल है, के 5 लाख किसान जुड़े हुए है। अब लक्ष्य तय किया गया है कि 10 राज्यों जिनमें उत्तराखंड, उतर प्रदेश और अन्य प्रदेशों को भी शामिल किया जाएगा, के 10 लाख किसानों को सीकरी फार्म हाउस के साथ जोड़ा जाए। इन सभी किसानों के खेतों की मिट्टी की जांच की जाएगी। उनका मुख्य लक्ष्य यह है कि मिट्टी की सेहत को तंदुरुस्त रखना है, यह तभी संभव हो पाएगा जब मिट्टïी की बीमारियों और कमियों के बारे में पता चल पाएगा। इस लैब के माध्यम से यह संभव हो पाएगा, क्योंकि इस लैब में हाईटैक प्रणाली से मिट्टी की सेहत की तमाम जानकारी मिल पाएगी। इस लैब में कम खर्चे पर नमूनों की जांच की जाएगी और कोई भी किसान लैब में पहुंचकर मिट्टी के नमूनों की जांच करवा पाएगा।


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