फरीदाबाद - तीसरी इंडियन ओपन पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप जो की स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया बेंगलुरु में आयोजित की गई थी उसमें फरीदाबाद की कंचन लखानी ने दो स्वर्ण पदक एवं एक सिल्वर मैडल जीत फरीदाबाद का नाम रोशन किया है। उन्होंने डिस्कस थ्रो में गोल्ड, शॉटपुट में सिल्वर, और जैवलिन में गोल्ड जीता।
इसके पहले भी कंचन लखानी राष्ट्रीय खेलों में कई पदक जीत चुकी हैं। कंचन लखानी को फरीदाबाद की बहादुर बिटिया कहा जाता है। 4 सितंबर 2008 को हुए एक हादसे ने अचानक उनकी जिंदगी बदल कर रख दी। एक रेल हादसे में उनका हाथ कट गया और स्पाइनल इंजरी के चलते कमर से नीचे के हिस्से ने काम करना बंद कर दिया। इसके बाद वह निराशा में डूब गईं, उनके मन में आत्महत्या करने के खयाल आने लगे।
एक दिन वह अपने जीवन के बारे में सोच रही थीं। उस समय उन्होंने अपने अवसाद से बाहर निकलकर अपनी तकदीर खुद लिखने का फैसला कर लिया। उन्होंने अपने आक्रोश को अपना हथियार बना लिया। कड़े परिश्रम के बाद राष्ट्रीय स्तर की पैरा ऐथलीट बनकर 2017 में उन्होंने राष्ट्रीय पैरा ऐथलेटिक्स चैंपियनशिप में तीन स्वर्ण पदक जीते। जिसे दुनिया कमजोरी समझती थी, उसे उन्होंने चुनौती के तौर पर लिया और दुनिया के सामने एक उदाहरण बनकर सामने आईं। खेलों से पहले वो गरीबों को निःशुल्क ट्यूशन पढ़ती थीं और कई सामाजिक संस्थाओं से भी जुडी हैं। मिशन जागृति संस्था से काफी समय से जुड़कर फरीदाबाद में समाजसेवाओं को अंजाम दे रही हैं।
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