चंडीगढ़ - स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही नेे आरोप लगाया कि हरियाणा भाजपा खट्टर सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में शपथ देकर गुरूग्राम व फरीदाबाद की अरावली पहाडियों को गैरमुमकिन पहाडिया बताकर इन्हे अरावली वन क्षेत्र से बाहर करार देकर बड़े नेताओं, अफसरों, धन्नासेठों, बिल्डरों, भू-माफियों के अरावली क्षेत्र में किये गए अवैध निर्माण व अवैध कब्जों को जायज बताने का कुप्रयास कर रही है। विद्रोही ने कहा कि भाजपा खटटर सरकार ने लोकसभा चुनावों से ठीक पूर्व पंजाब भू-सरंक्षण कानून 1900 में संशोधन करके अरावली क्षेत्र की हजारों एकड़ पहाडियों को अरावली वन क्षेत्र से बाहर निकालकर बिल्डरों, धन्नासेठों, नेताओं व अफसरों के वारे-न्यारेे करने का कुप्रयास किया था। इस खेल को अंजाम देने के लिए भाजपा ने लोकसभा चुनाव से पहले इन धन्नसेठों, बिल्डरों व भू-माफियों से चुनावी चंदे के रूप में करोड़ों रूपये के वारे-न्यारे किये थे। लगभग ढाई साल पूर्व भाजपा खट्टर सरकार ने हरियाणा विधानसभा से पंजाब भू-सरंक्षण कानून 1900 में संशोधन करके बिल्डरों व भू-माफियों को अरावली वन क्षेत्र की जमीन कब्जाने का कानूनी जो अवसर दिया था, वह सुप्रीम कोर्ट के कड़े रूख के कारण अभी तक सफल नही हुआ है।
विद्रोही ने कहा कि हरियाणा भाजपा सरकार ने बिल्डरों व भू-माफियों को अरावली क्षेत्र जमीन सौंपने के अपने कुप्रयासों को अभी भी नही रोका है जो इस संदर्भ में भाजपा सरकार के सुप्रीम कोर्ट में ताजा दिये गए शपथ पत्र से फिर पता चलता है। सुप्रीम कोर्ट 4 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई करेगा। न्यायालय का सरकार के कुप्रयासों के प्रति क्या रूख होता है, यह तो नही कहा जा सकता पर भाजपा खट्टर सरकार की कथित ईमानदारी व पारदर्शिता फिर बेनकाब हो गई। अरावली पहाडियों को गैरमुमकिन पहाड़ बताकर वन क्षेत्र की जमीन से बाहर करने के बाद गुरूग्राम, फरीदराबाद, नूंह, रेवाड़ी, महेन्द्रगढ़, भिवानी जिले की पहाडियों पर भू-माफिया, धन्नासेठों व अफसरों का कब्जा सरकार की मिलीभगत से होना बहुत आसान हो जायेगा जिससे पूरे अरावली क्षेत्र में दूरगामी दुष्परिणाम निकलने तय है।
विद्रोही ने कहा कि कांग्रेस-भूपेन्द्र सिंह हुड्डा सरकार को भू-माफिया सरकार बताने वाले भाजपाई-संघीयों की तिकडमी चाले सफल हो गई तो भाजपा खट्टर सरकार तो प्रदेश की सबसे बड़ी भू-माफिया सरकार साबित होगी जो बिल्डरों, भू-माफियों से मिलकर ना केवल 2-3 लाख करोड़ रूपये का भू-घोटाला करने मे सक्षम होगी अपितु अरावली क्षेत्र का पर्यावरण भी तहस-नहस कर देगी।
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